दिल्ली : हाथरस मामले पर पूर्व जज की नसीहत
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने सोमवार को कहा कि फ्री प्रेस और भाषण पर पाबंदी
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने सोमवार को कहा कि फ्री प्रेस और भाषण पर पाबंदी लगाने के लिए कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कानून के उपयोग और दुरुपयोग का एक घातक कॉकटेल बनाकर इस्तेमाल किया जा रहा है, ये खासकर उनके लिए है जो अपनी आवाज बुलंद करना जानते हैं।
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बता दें कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश राजद्रोह कानून, निषेधाज्ञा के कथित दुरुपयोग और इंटरनेट पर पूरी तरह रोक लगाने के आलोचक रहे हैं।
दरअसल जस्टिस लोकुर ‘हमारे मौलिक अधिकारों के रक्षण एवं संरक्षण-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रदर्शन के अधिकार’ विषय पर 2020 बी जी वर्गीज स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन मीडिया फाउंडेशन ने किया। इस अवसर पर फाउंडेशन ने उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए महिलाओं को 2019 का चमेली देवी जैन पुरस्कार भी दिया। यह पुरस्कार ‘द वायर’ की आरफा खानम शेरवानी और बेंगलूरू की स्वतंत्र पत्रकार रोहिणी मोहन को मिला।
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