लखनऊ : स्टाम्प वेंडर्स की चेतावनी, मानो मांग वरना उठ जाएंगे कदम

राजधानी में स्टांप विक्रेता सरकार की स्टांप नीति से नाराज है। सोमवार को स्टाम्प विक्रेता एक दिन की

राजधानी में स्टांप विक्रेता सरकार की स्टांप नीति से नाराज है। सोमवार को स्टाम्प विक्रेता एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर चले गये। उन्होंने साफ कर दिया है कि यदि उनकी मांगे न मानी गयी तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और इस नवरात्र स्टाम्प की बिक्री नहीं करेंगे।

ये भी पढ़ें  – यूपी : पंचायत चुनाव के लिए BJP ने बनाई रणनीति

स्टाम्प विक्रेता कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित होकर एडीएम फाइनेंस को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है।सरकार ने ई स्टाम्प व्यवस्था को लागू किया है और स्टाम्प विक्रेताओं को स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन लि. के अधीन कर दिया है।

विक्रेताओं का आरोप है स्टाक होल्डिंग के लोग अपनी मनमानी पर उतर आये हैं। स्टाम्प विक्रेताओं का शोशण कर रहे हैं। स्टाम्प विक्रेताओं एक लाख रूपये के स्टाम्प पेपर पर एक हजार रूपये कमीशन मिलता था जो कि अब घटाकर सिर्फ 92 रूपये कर दिया है। जिससे कि इस नई व्यवस्था से स्टाम्प विक्रेताओं के सामने रोजी—रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

स्टाम्प विक्रेता अनिल कुमार पाण्डेय ने कहा हम इस कार्य के अतिरिक्त कुछ और कर नहीं सकते। हम इस कार्य में लंबे समय से जुड़े हैं। ऐसे में हम क्या करें। हमारा परिवार कैसे पले। हमारे साथ दूसरे अन्य लोग भी जुड़े हैं उनके सामने भी आय बड़ा संकट पैदा हो गया है।

स्टाम्प विक्रेता संजय निगम के मुताबिक हमने लोन ले रखा है जिसकी ईएमआई देना मुश्किल हो गयी है। हम ई स्टाम्प व्यवस्था का विरोध नहीं कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमको​ मिलने वाला कमीशन के संबध में कोई उपयुक्त हल निकल आये।

स्टाम्प विक्रेता भानु प्रताप सिंह का कहना है कि यदि सरकार ने कोई सहानुभूतिपूवर्क हल नहीं निकाल तो हम लंबी हड़ताल पर चले जाएंगे। इस नवरात्र में हम स्टाम्प नहीं बेचेंगे जिससे कि रजिस्ट्री आदि करवाने वालों को दिक्कतों का समाना करना पड़ेगा वहीं सरकार को भी राजस्व की हानि हो सकती है।
स्टाम्प विक्रेता आलोक कुमार तिवारी जोकि दिव्यांग हैं इसी व्यवसाय से अपना परिवार चला रहे हैं उनके सामने भी संकट है। हम चाहते है कि वर्ष 2013 में सरकार द्वारा लागू किया गया नियम कि पांच रूपये से पांच हजार रूपये तक का छोटा स्टाम्प पूर्व की भाति छपता रहेगा और बिकता रहेगा। इस व्यवस्था को लागू किया जाए।
स्टांप विक्रेता सौरभ निगम की मांग है कि ई स्टाम्प की भाषा अंग्रेजी है जिससे कि कम पढ़े लिखे लोगों को दिक्कत हो रही है। इस व्यवस्था के चलते किसी का स्टांप किसी में लग रहा है जोकि गलत है इस समस्या का भी समाधान किया जाए।

स्टाम्प विक्रेता अनवर रिजवी कहते हैं कि ई स्टांपिंग से 10 रूपये का स्टाम्प लेने पर जीएसटी समेत पेपर समेत 17 रूपये का पड़ रहा है वह कितने का बिकेगा। और 100 रूपये का स्टाम्प जीएसटी और पेपर समेत 122 का पड़ रहा है तो यह कितने का बिकेगा।

  • हमें फेसबुक पेज को अभी लाइक और फॉलों करें @theupkhabardigitalmedia 

  • ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @theupkhabar पर क्लिक करें।

  • हमारे यूट्यूब चैनल को अभी सब्सक्राइब करें https://www.youtube.com/c/THEUPKHABAR

Related Articles

Back to top button