Jammu Kashmir: चीन के सहारे अनुच्छेद 370 की बहाली का सपना देख रहे फारूक अब्दुल्ला ने दिया बहुत ही गिरा हुआ बयान
संसद सत्र के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर में अभी भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं। बाकी देश में इंटरनेट 4जी(4G) इस्तेमाल कर रहे हैं, 5जी आने वाला है, लेकिन कश्मीर मे हाल ये है कि वहां पर अब भी लोग 2जी पर निर्भर हैं।
नई दिल्ली। रविवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 और चीन को लेकर कुछ ऐसा कहा है, जोकि विवादित है। अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में 370 को बहाल करने को लेकर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को लागू किया जाएगा। बता दें कि फारूक अब्दुल्ला इसके पहले भी अनुच्छेद 370 को लेकर पहले भी कहते रहे हैं कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को दोबारा लागू करवाने और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए वो प्रतिबद्ध हैं।
गौरतलब है कि 370 की बहाली को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने संसद के मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग की थी। हालाांकि इसको लेकर फारूक अब्दुल्ला को बोलने का समय नहीं दिया गया। अब्दुल्ला का कहना था कि कश्मीर में जो हालात हैं, उस पर बोलेने के लिए हमने संसद भवन में समय मांगा, लेकिन हमको समय नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि, देश की जनता को पता चले कि वास्तव में लोग कैसे रह रहे हैं और वहां की स्थिति क्या है? क्या वह बाकी मुल्क के साथ आगे बढ़े हैं या पीछे गए हैं? संसद सत्र के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर में अभी भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं। बाकी देश में इंटरनेट 4जी इस्तेमाल कर रहे हैं, 5जी आने वाला है, लेकिन कश्मीर मे हाल ये है कि वहां पर अब भी लोग 2जी पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा कि, इस तरह से नौजवान कैसे आगे बढ़ेगा। वहां के हालात के बारे में देश को बताना चाहते हैं। दूसरे लोगों को जो सुविधा मिल रही है वह हमारे यहां क्यों नहीं दे रहे। हम कैसे आगे बढ़ेंगे। जमाना बदल गया है।
चीन के सहारे 370 की बहाली का सपना देख रहे फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान से बात करने की भी वकालत कर चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए। जिस प्रकार चीन के साथ बातचीत की कोशिश की जा रहा है उसी तरह उलझे हुए मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ चर्चा करनी चाहिए।
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