जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी की उठी मांग
विधायिका में अनुसूचित जाति जनजाति के पैटर्न पर पिछडे वर्गो की भी सीटे आरक्षित की जाय जिस पर केवल पिछडे वर्ग के लोग ही चुनाव लडकर लोकसभा विधानसभा में जा सके।
विधायिका में अनुसूचित जाति जनजाति के पैटर्न पर पिछडे वर्गो की भी सीटे आरक्षित की जाय जिस पर केवल पिछडे वर्ग के लोग ही चुनाव लड़कर लोकसभा विधानसभा में जा सके।
पिछडा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि सदन में अनुसूचित जाति की तरह पिछडे वर्गो की सीटे आरक्षित करने से पिछडे वर्गो की कम से कम 27 प्रतिशत भागीदारी हमेशा बनी रहेगी। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार सेन्सस-2021 में जातिवार जनगणना कराने हेतु प्रोफार्मा में पिछडे वर्गो का कालम जोडे और पिछडे वर्गो की जातिवार जनगणना कराये ताकि पिछडी जातियो की वास्तविक संख्या देश के सामने मालूम हो सके तथा उनको उनके आबादी के अनुरूप उन्हें सदन में तथा सरकार में और सरकारी योजनाओं में भागीदारी दी जा सके।जब तक पिछडे वर्गो को उनके जनसंख्या के अनुरूप उन्हें हिस्सेदारी और विकास नहीं किया जायगा तब तक पिछडे वर्गो का भला नही हो सकता।
अगडी जातियां उन्हें हमेशा उनमें भ्रम पैदाकर आपस में लडाती रहेगी और स्वंय शासन करती रहेगी। यही बात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी कहते है कि सभी पिछडी जातियो की जातिवार जनगणना करायी जाय और उन्हें उनकी जनसंख्या के अनुरूप भागीदारी और सम्मान दे दिया जाय तो किसी को कोई शिकायत किसी से नही होगी। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिये कानून बनाये।सभी पिछडे वर्गो के सांसद इसका समर्थन भी करेंगे और पास भी करायेगे ताकि एससी एसटी की भाँति ओबीसी की भी विधायिका लोकसभा व विधानसभा में 27 प्रतिशत सीटे आरक्षित की जाए जहां से केवल ओबीसी के लोग ही चुनाव जीत कर अपनी भागीदारी निभा सके।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :