बाइपोलर डिस्ऑर्डर से ग्रसित मरीजों में अक्सर दिखते हैं ऐसे लक्ष्ण, जरुर पढ़े

बाइपोलर डिसऑर्डर को मैनिक डिप्रेशन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मानसिक विकार है जिसके दौरान व्यक्ति को बहुत अधिक मूड स्विंग्स होते हैं, साथ ही उनकी नींद, ऊर्जा, व्यवहार और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। बाइपोलर डिसर्ऑर्डर से ग्रस्त लोगों का मानना है कि मेडिकेशन के साथ अन्य प्राकृतिक उपचार इसके लक्षणों से राहत पाने में मदद करते हैं।

यह एक तरह का मैनिक डिप्रेशन है जिसमें कभी कई बार आप हाइपर एक्टिव हो जाते हैं तो कभी एकदम डाउन. आप एक साथ बहुत कुछ कर लेना चाहते हैं या उदासी की गर्त में समाने लगते हैं. वह बताती हैं कि आमतौर पर उदासी के फेज में आप एक स्माइल चेहरे पर लाकर अपने आप को नॉर्मल करने की कोशिश करते हैं और दिनचर्या पूरी करने लगते हैं लेकिन बाइपोलर के केस में आप यह ‘नाटक’ भी नहीं हो पाता.

बाइपोलर डिस्ऑर्डर मूड स्विंग का वह खतरनाक रूप है जो व्यक्ति को कभी आसमान की तरफ उछाल सा देता है और कभी पाताल की काली अंधेरी गहराइयों में ले जाता है. यह व्यक्ति को भावानात्मक रूप से पैंडुलम की भांति एक छोर से दूसरे छोर तक बेहद अनियंत्रित तरीके से लाता और ले जाता है. यूं तो उदासी इंसानी जीवन का अंग है लेकिन यदि मन लगातार कई हफ्तों या महीनों तक दुखी रहने लगे या फिर बेहद खुश रहने लगे तो यह एक प्रकार की मानसिक स्थिति होती है जो कभी-कभी मानसिक रोग के दायरे में आती है.

Related Articles

Back to top button