लखनऊ : खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को दिया जा रहा है बढ़ावा..
केन्द्र पोषित (पी0एम0एफ0एम0ई0) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कर
केन्द्र पोषित (पी0एम0एफ0एम0ई0) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा ठोस व प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। इस बहुआयामी एवं ग्रामोन्मुखी इस योजना को पूरे प्रदेश में ग्रामीण स्तर तक ले जाकर वास्तविक पात्र लोगों को लाभ दिलाने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत केन्द्र पोषित प्रधानमंत्री, सुक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, जिसमें भारत सरकार एवं राज्य सरकार का 60 रू 40 के अनुपात में वित्त पोषण है, के अन्तर्गत 5 वर्षों में प्रदेश में असंगठित क्षेत्र में स्थापित 37805 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उन्नयन का लक्ष्य निर्धारित है। इस योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत एवं समूह दोनों प्रकार के लाभार्थी पात्र है।
इसमें निजी क्षेत्र के सूक्ष्म उद्यमों को अनुमन्य परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम रू0 10 लाख क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान है। इकाई हेतु लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत और अवशेष ऋण के माध्यम से किया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों एवं सहकारी संस्थाओं को कार्यशील पूंजी एवं छोटे उपकरणों हेतु प्रति सदस्य रू0 40 हजार प्रारम्भिक पूंजी के रूप में भी दिया जायेगा। योजना के अन्तर्गत एक जनपद एक उत्पाद, कलस्टर, एप्रोच एवं शीघ्र नष्ट होने वाले खाद्य प्रद्धार्थों पर विशेष बल दिया जायेगा।
उद्यान निदेशक ने बताया कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिये किये गये प्रयासों के क्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजनान्तर्गत प्रदेश सरकार के विशेष प्रयास से क्रिएशन ऑफ इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर के अन्तर्गत 05 क्लस्टर, जनपद कानपुर देहात, मथुरा, बागपत, बाराबंकी एवं रायबरेली हेतु स्वीकृत हुये हैं।
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