रामविलास पासवान के सम्मान में आज झुका रहेगा ‘राष्ट्रीय ध्वज’

दिग्गज नेता रामविलास पासवान सम्मान में आज सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनके अंतिम संस्कार के दिन भी ध्वज झुका रहेगा। 

दिग्गज नेता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) सम्मान में आज सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनके अंतिम संस्कार के दिन भी ध्वज झुका रहेगा। 

बता दें कि देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। उनके सम्मान में शुक्रवार को राजकीय शोक की घोषणा की गई है और इस दौरान तिरंगा आधा झुका रहेगा।उनके निधन  की खबर मिलते ही राजनीती जगत में शोक की लहर डूब गयी है। 

सर्वाधिक मतों से जीतने का विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया

पासवान ने खगड़िया के काफी दुरुह इलाके शहरबन्नी से निकलकर दिल्ली की सत्ता तक का सफर अपने संघर्ष के बूते तय किया। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लिहाजा वह पांच दशक तक बिहार और देश की राजनीति में छाये रहे। इस दौरान दो बार उन्होंने लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक मतों से जीतने का विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया।

देश के छह प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रहे। राजनीति की नब्ज पर उनकी पकड़ इस कदर रही है कि वह वोट का एक निश्चित को इधर से उधर ट्रांसफर करा सकते हैं। यही कारण है कि वह राजनीति में हमेशा प्रभावी भूमिका निभाते रहे। इनके राजनीतिक कौशल का ही प्रभाव है कि उन्हें यूपीए में शामिल करने के लिए सोनिया गांधी खुद चलकर उनके आवास पर गई थीं।

इस कहावत को चरितार्थ करने वाले मृदुभाषी पासवान छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं। 1996 से 2015 तक केन्द्र में सरकार बनाने वाले सभी राष्ट्रीय गठबंधन चाहे यूपीए हो या एनडीए, का वह हिस्सा बने। इसी कारण लालू प्रसाद ने उनको ‘मौसम विज्ञानी’ का नाम दिया था।

अब तो वह खुद भी स्वीकारते हैं कि वह जहां रहते हैं सरकार उन्हीं की बनती है। मतलब राजीतिक मौसम का पुर्वानुमान लगाने में वे माहिर हैं। वे समाजवादी पृष्ठभूमि के बड़े नेताओं में एक हैं। देशभर में उनकी पहचान राष्ट्रीय नेता के रूप में है। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से वह कई बार चुनाव जीते हैं, लेकिन दो बार उन्होंने सबसे अधिक वोट से जीतने का रिकॉर्ड बनाया।

 

 

 

 

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