उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की गई पहल, ऑनलाइन शिक्षा को देंगे बढ़ावा
उच्च शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन होने के बावजूद भी शिक्षा की रफ्तार को थमने नहीं दिया है और इस दिशा में सराहनीय प्रयास किया है। कोरोना के दौर में बदलते हुए परिवेश के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन होने के बावजूद भी शिक्षा की रफ्तार को थमने नहीं दिया है और इस दिशा में सराहनीय प्रयास किया है। कोरोना के दौर में बदलते हुए परिवेश के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने एवं छात्र- छात्राओं के लिए सर्वश्रेष्ठ पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने हेतु विगत 05 सितम्बर को शिक्षक दिवस पर ”उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा लाइब्रेरी” नाम से ऑनलाइन डिजिटल लाइब्रेरी की एक अनोखी पहल प्रारंभ की गई है। यह ऑनलाइन डिजिटल लाइब्रेरी पोर्टल http://heecontent.upsdc.gov.in अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा, मोनिका एस गर्ग के मार्गदर्शन में एनआईसी द्वारा बनायी गयी है तथा अनेक उच्च शिक्षाविदों, तकनीकी अधिकारियों एवं उच्च शिक्षा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके निर्माण में बेहतरीन सहयोग दिया है। यह लाइब्रेरी द्विभाषीय है।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल लाइब्रेरी पोर्टल विभाग द्वारा एनआईसी के सहयोग से अल्प समय में बहुत ही कम खर्चे में तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सितंबर-अक्टूबर माह को “विद्यादान माह” घोषित किया गया है तथा प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ राजकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय एवं निजी महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा इस पोर्टल पर लगातार विद्या दान किया जा रहा है।
अभी तक लगभग 1500 शिक्षकों द्वारा कुल 78 विषयों के 11,000 से भी अधिक कंटेंट अपलोड किए जा चुके हैं। अभी तक अपलोड कंटेंट में सर्वाधिक भौतिक विज्ञान के 1010 कंटेंट अपलोड किए गए हैं। इसके अतिरिक्त तकनीकी विषय-871 कंटेंट, सामाजिक विषय-788 कॉन्टेंट, लॉ -786 कंटेंट, रसायन विज्ञान-615 कॉन्टेंट, कंप्यूटर साइंस-553 कॉन्टेंट, मैनेजमेंट- 552 कॉन्टेंट, कॉमर्स-473 कॉन्टेंट, लाइब्रेरी साइंस-467 कॉन्टेंट, गणित-410 कॉन्टेंट, वनस्पति विज्ञान-410 कॉन्टेंट, बी फार्मा-310 कॉन्टेंट, जंतु विज्ञान-278 कॉन्टेंट, मनोविज्ञान-256 कॉन्टेंट, एग्रीकल्चर-207 कॉन्टेंट एवं अन्य विषयों में 100 से भी अधिक कंटेंट अपलोड किए जा चुके हैं। यह कंटेंट हिंदी एवं अंग्रेजी में हैं।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी विषयों के कंटेंट अपलोड कराने हेतु विभाग द्वारा हर विषय हेतु एक एक विश्वविद्यालय को नोडल विश्वविद्यालय बनाया गया है। वह नोडल विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि उस विषय के सभी कंटेंट अपलोड हो जाएँ। कंटेंट की गुणवत्ता के संदर्भ में विभाग द्वारा सुदृढ़ व्यवस्था बनायी गयी है कि सम्बंधित विश्वविद्यालय के डीन/विभागाध्यक्ष कंटेंट की गुणवत्ता परख कर लाइब्रेरी पोर्टल पर अपलोड कराएंगे। अभी तक 25,000 से अधिक छात्र-छात्राएं/शिक्षक इस वेबसाइट को विजिट कर चुके हैं। शिक्षक एवं छात्र छात्राओं को कंटेंट के संदर्भ में कोई भी कठिनाई होती है इसके हेतु एक हेल्प लाइन नंबर भी शासन द्वारा जारी किया गया है।
डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा की यह पहल बहुत सफल हो रही है। यह एक मील का पत्थर साबित होगी। इससे छात्र-छात्राएं गुणवत्ता परक/सर्वश्रेष्ठ e-content डाउनलोड कर अपनी सुविधानुसार कभी भी/कहीं भी पढ़ सकते हैं एवं अपने कोर्स को रिवाइज कर सकते हैं। यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व कदम है।
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