मुजफ्फरनगर : महापंचायत से बनेगी गठबंधन की डोर
भविष्य की सियासी पटकथा लिख गयी महा पंचायत आज मुजफरनगर नगर में रालोद ने जिस तरह से जाटो को एकत्र करने के लिए हाथरस मुद्दे में मिलने गए जयंत चौधरी की पुलिस पिटाई के मुद्दे का सहारा लिया उससे साफ है।
भविष्य की सियासी पटकथा लिख गयी महा पंचायत आज मुजफरनगर नगर में रालोद ने जिस तरह से जाटो को एकत्र करने के लिए हाथरस मुद्दे में मिलने गए जयंत चौधरी की पुलिस पिटाई के मुद्दे का सहारा लिया उससे साफ है। आने वाले विधान सभा चुनाव व् उप चुनाव में सपा से रालोद के कदम ताल बानी रहेगी सपा ने इस महा पंचायत को अपना समर्थन दिया है।
सत्ता धारी दल को घेरने का बुलेट प्रूफ प्लान को तैयार
साथ ही उप चुनाव में बुलंद शहर सीट रालोद के कहते के लिए छोड़ दी है तो आगामी 2022 के चुनाव में सपा पश्चिमी यूपी में मुस्लिम जाट और यादव के जातीय समीकरण तैयार कर रही है जो बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है क्यों कि विपक्ष ने पश्चिमी यूपी में सत्ता धारी दल को घेरने का बुलेट प्रूफ प्लान को तैयार किया है।
लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आज मुज्जफरनगर में रालोद ने आक्रोश रैली का आयोजन किया जिसके लिए जाटो के सभी खाफ चौधरिओ ने अपनी अपनी सहमति के साथ पुरे दल बल के साथ पहुंचे भी वही किसान मंचो ने भी समर्थन देकर सत्ता में काबिज बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर दिया है यही वजह है की उपचुनाव को लेकर सीएम ने आज कार्यकर्ताओ के सवांद के दौरान पश्चिमी यूपी में किये विकास की दुहाई देनी पड़ी इतना ही नहीं सपा सरकार के दौरान हुए मुज्जफरनगर दंगे को भी याद दिलाया
आज हुई महा पंचायत को वैसे तो सपा के साथ कांग्रेस और शिवसेना के नेता भी मंच पर दिखे लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में हैंडपंप और सायकिल का गठजोड़ देखने को मिलेगा जिसके संकेत उपचुनाव में सपा के द्वारा बुलंद शहर की सीट छोड़ने से साफ तौर पर देखा जा सकता है हलाकि पश्चिमी यूपी के वोटर लगातार किसी एक दल के साथ नहीं गया जिसकी सरकार बनती दिखती है हो लेता खास कर मुस्लिम वोटर 2007 के चुनाव में बसपा के साथ तो 2012 में अखिलेश के साथ गया ऐसे में पश्चिम को मजबूत करने के लिए सपा प्रमुख ने रालोद के साथ दोस्ती दिखा कर जाट वोटो पर भी नजर जमाये है
इस बार के उप चुनाव में बसपा भी दांव खेलने को तैयार है लेकिन आगामी 2022 के ऍम चुनाव में भी अकेले ही ताल ठोकने की तैयारी में है बसपा जितना मजबूत चुनाव लड़ेगी सपा का उतना ही नुकशान है जिसका फायदा बीजेपी को जायेगा क्यों की पश्चिमी यूपी में अगर मुस्लिम यादव के साथ जाट का जातीय समीकरण बनता है तो बीजेपी को मालूम है इस समीकरण की काट कर पाना मुश्किल होगा हलाकि बीजेपी की माने तो सपा और रालोद दोनों अपनी सियासी जमीं खो चुके है इसके लिए जाती धर्म की राजनीती करते हुए प्रदेश को जलाने की साजिस रच रहे है और महा पंचायत इस बात का सबूत है।
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