आगरा : आखिर क्यों ताजनगरी में हुआ बसपा सुप्रीमों का पुतला दहन ?
ज़िले में जाटव समाज का बीएसपी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। समाज के लोगों का कहना है कि अनुसूचित जाति के लोग आंख बंद कर बहन जी पर भरोसा करते हैं, लेकिन समाज के ज्वलंत मुद्दों पर वह केवल ट्वीट कर काम चलाती हैं। आगरा जाटव महापंचायत के अध्यक्ष रामवीर सिंह कर्दम ने कहा की एक और जहां तमाम राष्ट्रीय नेता हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।
आगरा: ज़िले में जाटव समाज का बीएसपी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। समाज के लोगों का कहना है कि अनुसूचित जाति के लोग आंख बंद कर बहन जी पर भरोसा करते हैं, लेकिन समाज के ज्वलंत मुद्दों पर वह केवल ट्वीट कर काम चलाती हैं। आगरा जाटव महापंचायत के अध्यक्ष रामवीर सिंह कर्दम ने कहा की एक और जहां तमाम राष्ट्रीय नेता हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।
मगर बसपा सुप्रीमो ने दलित बच्ची के पीड़ित परिवार से मिलने की जहमत नहीं उठाई। बड़ी संख्या में मौजूद दलित समाज के लोगों ने जिस पर नाराजगी जाहिर की उन्होंने कई अन्य उदाहरण देते हुए बसपा मुखिया मायावती के पोस्टर जलाए और बसपा के झंडे जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
पॉज नारेबाजी व झंडे पोस्टर चलाना
आगरा में जगदीशपुरा इलाका बीएसपी का गढ़ माना जाता है यहां बहुतायत में जाटव समाज के लोग रहते हैं जिससे मूल थे बसपा का वोटर माना जाता है लेकिन दलितों की राजधानी से बीएसपी मुखिया का विरोध केश्वर उठना बहुजन समाज पार्टी के लिए निश्चित रूप से चिंताजनक होगा जो बड़ी उम्मीद के साथ वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सरकार में वापसी के सपने देख रही है प्रदर्शन करने वालों में कुलदीप सिंह बंटी कर्दम सहित बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मौजूद रहे।
वहीं आगरा जाटव महापंचायत के अध्यक्ष रामवीर सिंह कर्दम ने बयान दिया है कि, केवल ट्वीट कर देने से ही नहीं होगा दलित समाज का भला। आपको आगे आकर उनका पूछना चाहिए। दलित उत्पीड़न करने वाली टोरेंट भी बसपा की ही देन है।
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