ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट: भारत ना करें ये काम वार्ना अटल टनल को तबाह कर देगी चीन
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अटल टनल का उद्घाटन किया गया। ये टनल हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बनाया गया है।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अटल टनल का उद्घाटन किया गया। ये टनल हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बनाया गया है। नरेंद्र मोदी ने जब इस पुल का उद्घाटन किया तो उन्होंने कहा कि,आने वाले समय में ये टनल देश के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई ताकत बनेगी। पीएम मोदी ने चीन को इशारों-इशारों में संदेश दिया और कहा कि बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कई पर तेजी से काम चल रहा है। भारत के सीमाई इलाके में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होते देखकर चीनी मीडिया भी बेचैन हो उठा है।
वहीं खबर ये भी आ रही है कि चीन, अटल टनल पर भी अपनी नज़र बराबर बनाए रखा है। यही नहीं उन्होंने भारत को धमकी देने की भी कोशिश की है। दरअसल ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक आर्टिकल में छापा है कि, भारत को अटल टनल बनाने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चूंकि इलाका पहाड़ी क्षेत्र हैं और घनी आबादी वाला है इसलिए इसका निर्माण सिर्फ सैन्य मकसद से किया गया है।
वहीं एक चीनी अखबार ने लिखा कि,शांतिपूर्ण वक्त में तो इस सुरंग से भारतीय सेना और आपूर्ति में बहुत मदद मिलेगी लेकिन जंग के वक्त, खासकर सैन्य संघर्ष में इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। चाइना पीपल्स आर्मी के पास इस सुरंग को बेकार करने के कई तरीके हैं. भारत और चीन के लिए यही बेहतर है कि दोनों एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहें।
अखबार ने भारत को संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि उसे किसी भी उकसावे वाली गतिविधि से बचना चाहिए. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, कोई भी सुरंग भारत की लड़ाकू क्षमता को नहीं बढ़ा सकती है। भारत और चीन की लड़ाकू क्षमता में निश्चित तौर पर बड़ा फर्क है, खासकर भारत की जंग करने की क्षमता बिल्कुल भी व्यवस्थित नहीं है। भारत चीन की क्षमता से अभी बहुत दूर है।
वहीं इस आर्टिकल के मुताबिक,भारत चीन के साथ सटी सीमा पर सड़कें, पुल और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है. डारबुक-दौलत बेग ओल्डी (डीएसडीबीओ) रोड 255 किमी लंबी सड़क है जिसका निर्माण पिछले साल पूरा हुआ है. इसे बनाने में भारत को दो दशक लग गए. ये सड़क लद्दाख तक जाती है. इन सड़कों के अलावा, भारत की सरकार ने भारत-चीन सीमा पर सामरिक नजरिए से अहम 73 सड़कों की पहचान की है जिन पर सर्दी में भी काम होता रहेग।
इस आर्टिकल के अंत में लिखा गया है कि,अभी शांति का वक्त है और भारत को ये एहसास नहीं हो पा रहा है कि जंग छिड़ने पर अटल टनल काम नहीं आएगी। इस सुरंग के बनने से पूरा देश खुश है। लेकिन जहां तक भारतीय राजनेताओं की बात है, वे इसका इस्तेमाल सिर्फ दिखावे और अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। ये साफ तौर पर राजनीतिक प्रोपेगैंडा है. सुरंग जंग में काम आएगी या नहीं, भारतीय राजनेताओं के लिए ये विचार का विषय नहीं है बल्कि वे अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए इसे हथियार बना रहे हैं।
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