हाथरस केस पर डीएम और एसडीएम पर हो कार्रवाई, सीबीआई करें जांच : रामदास अठावले

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि हाथरस में दलित

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि हाथरस में दलित बेटी के साथ जो अमानवीय कृत्य हुआ उस पूरे मामले में सिर्फ पुलिस के अफसरों की नहीं बल्कि वहां के डीएम और सम्बंधित एसडीएम की भूमिका भी संदेह के घेरे में आती है। इसलिए हाथरस के डीएम और एसडीएम पर भी कार्रवाई होनी ही चाहिए। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच की मांग भी उठाई है। उन्होंने कहा कि अमानवीय कृत्य का शिकार दलित बेटी के शव का जिस हड़बड़ी में अंतिम संस्कार किया गया, यह पूरी तरह गलत हुआ।

मुख्यमंत्री द्वारा की गयी उचित कार्रवाई – अठावले
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब तक जो कार्रवाई की है वह पूरी तरह उचित है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को एक साल के भीतर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला कर फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि हाथरस के पीडि़त परिवार के बारे में उन्हें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक वह परिवार किसी रिटायर्ड जज से पूरे मामले की जांच करवाने की बात कर रहा है मगर मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अठावले ने यह बात शनिवार को यहां योजना भवन मे पत्रकारवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि हाथरस के डीएम पर कार्रवाई के बारे में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात करेंगे। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जातिवाद देश के हर हिस्से में है, यूपी में भी है। इसी जातिवाद के चलते दलित उत्पीडऩ की घटनाएं होती हैं और यह घटनाएं पिछली सरकारों के कार्यकाल में भी होती रही हैं। इसलिए विपक्ष को हाथरस जैसे मामलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए। हाथरस जाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वहां के पुलिस प्रशासन से झड़प के सवाल पर श्री अठावले ने कहा कि राहुल गांधी को अगर पुलिस ने रोका था तो उन्हें रूकना चाहिए था। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मायावती अगर योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगेंगी तो योगी आदित्यनाथ तो इस्तीफा नहीं ही देंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल में दलितों पर अत्याचार नहीं हुए थे, कोई भी मुख्यमंत्री यह नहीं चाहता कि उसकी सरकार में हाथरस या बलराम पुर जैसे मामले हों। उन्होंने कहा कि बलरामपुर के मामले में भी वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे। कोरोना की वजह से केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के चालू वित्तीय वर्ष के बजट का अभी तक आधा बजट भी खर्च न होने से सम्बंधित सवाल पर अठावले ने स्वीकार किया कि यह बात सही है मगर हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि विभाग की सभी योजनाओं व कार्यक्रमों लाभ सभी पात्र लोगों तक समय से पहुंचे और जीडीपी का ग्राफ भी ऊपर उठे।

Related Articles

Back to top button