समय के साथ बदल रहे कोरोना वायरस के लक्ष्ण, 10 में से 9 मरीजों में ठीक होने के बाद भी मौजूद…

 देश में कोरोना महामारी का संक्रमण एक ओर से देश और और आम जनता दोनों का ही बजट बिगाड़ रहा है. वहीं अब मरीजों पर राजधानी लखनऊ के दो अहम अस्पतालों में इलाज का बोझ बढ़ जाएगा.

गौरतलब है कि शोध की शुरुआती रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब मंगलवार को कोविड-19 से मरनेवालों का आंकड़ा दुनिया भर में 10 लाख पहुंच गया. कोविड-19 को मात दे चुके 965 लोगों का ऑन लाइन सर्वे किया गया था. सर्वे में शामिल 879 या 91.1 फीसद लोगों ने बताया कि कम से कम बीमारी का एक साइड इफेक्ट उनके अंदर है. कोरिया डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन एजेंसी के एक अधिकारी क्वोन ने जानकारी दी.

26.2 फीसद लोगों के साइड इफेक्ट में सबसे सामान्य थकान था. उसके बाद दूसरे नंबर पर 24.6 फीसद लोगों में दिमागी एकाग्रता की परेशानी देखी गई. इसके अलावा अन्य साइड इफेक्ट्स में मनोवैज्ञानिक, मानसिक, स्वाद और गंध का क्षरण शामिल रहा. क्वोन ने बताया कि डायगू में क्योंगपूक नेशनल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के प्रोफेसर किम शिन-वू ने कोरोना को हरा चुके 5,762 लोगों की प्रतिक्रिया जाननी चाही. उनमें से 16.7 फीसद लोगों ने सर्वे में भाग लिया. हालांकि शोध को अब ऑनलाइन अंजाम दिया गया है.

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