ऐतिहासिक बाबरी विध्वंस केस में फैसला सुनाते ही जज सुरेंद्र यादव ….
लखनऊ में आज यानी 30 सितंबर 2020 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। यह फैसला कोई और नहीं बल्कि 28
लखनऊ में आज यानी 30 सितंबर 2020 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। यह फैसला कोई और नहीं बल्कि 28 साल पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस केस से जुड़ा है जो 6 दिसंबर को गिराया गया था। वहीँ सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव ने इस मामले का फैसला सुनाया और सभी दोषियों को बरी घोषित किया।
वहीँ इस फैसले को सुनाने के बाद सुरेंद्र कुमार यादव के कोर्ट का कार्येकाल भी समाप्त हो गया।आज यानी 30 सितंबर ही सुरेंद्र कुमार यादव के रिटायरमेंट का दिन है। उनके पास शाम 5 बजे तक का ही वक्त है।
बता दे कि, जज सुरेंद्र कुमार यादव का कार्यकाल एक साल पहले ही पूरा हो गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई पूरी करने और इस पर फैसला सुनाने के मकसद से उन्हें एक साल का विस्तार दे दिया था। उनके रिटायरमेंट की तारीख 30 सितंबर 2019 थी।
इस मामले में एक दिलचस्प बात और भी है कि सुरेंद्र कुमार यादव का अयोध्या के साथ कनेक्शन बहुत पुराना है। यही नहीं उनका जन्म भी जौनपुर में हुआ था। बाबरी विध्वंस 1992 में हुआ था। इससे दो साल पहले 8 जून 1990 को ही सुरेंद्र कुमार यादव ने बतौर मुनसिफ अपनी न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी। सुरेंद्र कुमार यादव की पहली नियुक्ति अयोध्या में हुई थी और 1993 तक वो यहां रहे थे।
यानी अयोध्या में जब कारसेवकों और बीजेपी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था, उस वक्त सुरेंद्र कुमार यादव की पोस्टिंग भी अयोध्या में ही थी और आज वो मौका आया है जब उन्होंने इस बड़े केस पर बतौर सीबीआई विशेष कोर्ट जज फैसला सुनाया है।
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