#BabriDemolitionCase : 28 साल बाद आया ये फैसला, कोर्ट ने सभी को माना दोषमुक्त

फैसला सुनाते ही स्पेशल जज हो गए रिटायर, फैसले के लिए उन्हे मिला था एक साल का विस्तार

लखनऊ। अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद (disputed Babri Masjid)ढहाए जाने के मामले में आज 28 साल बाद लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने अपना फैसला सुनाया।

अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, सीबीआई के विशेष जज ने अपने फैसले में माना कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और घटना अचानक हुई थी।

अदालत में 26 आरोपी मौजूद थे, जबकि 6 आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए। इस मामले के आरोपियों में से विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल सहित 17 आरोपियों की हो चुकी है मृत्यु।

ये 26 आरोपी रहे अदालत में मौजूद. . . . .

  • साक्षी महाराज, साध्वी ऋतभंरा, विनय कटियार, चंपत राय, वेदांती, पवन पांडेय, आचार्य धर्मेन्द्र देव सहित 26 आरोपी आज अदालत में उपस्थित थे।
  • ये 6 आरोपी अदालत में नहीं आए. . . . .
  • पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, महंत नृत्य गोपाल दास,
  • सतीश प्रधान एवं पूर्व मुख्यमंत्री/राज्यपाल कल्याण सिंह सहित 6 आरोपी अदालत में मौजूद नहीं थे।
  • इन लोगों को बीमारी वह कोरोना के चलते अदालत में मौजूद होने की छूट दी गई थी, इन लोगों ने घर से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत का फैसला सुना।

 

 

 

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