उन्नाव कांड : पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को सुनाई सजा
The UP Khabar
4 मार्च को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया था.
9 अप्रैल, 2018 को पुलिस हिरासत में हुई पीड़िता के पिता की मौत.
उन्नाव कांड : शुक्रवार को तीस हजारी अदालत ने पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को सजा सुना दी है. उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की मौत के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को आज दस साल की सजा सुनाई गई है. कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य के लिए सीबीआई ने अधिकतम सजा की मांग की है जिसमें दोषी करार दिए गए दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. इसमें माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया और तत्कालीन उपनिरीक्षक के. पी. सिंह शामिल हैं.
तीस हजारी अदाल ने सुनाई सजा :-
तीस हजारी अदाल ने आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत कुलदीप सिंह सेंगर, भदौरिया और सिंह के साथ विनीत मिश्रा, बीरेन्द्र सिंह, शशि प्रताप सिंह, सुमन सिंह और अतुल (सेंगर के भाई) को दोषी पाया था. इसके अलावा आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 304 (गैर इरादतन हत्या) सहित कई अन्य धाराओं के उन्हें तहत दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए कांस्टेबल आमिर खान, शैलेन्द्र सिंह, रामशरण सिंह और शारदावीर सिंह को बरी कर दिया था.
आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर कोर्ट में बोला मुझे माफ कर दिया जाए जज ने कहा पहले सोचना चाहिए था. उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में गुरुवार को तीस हजारी अदालत में सजा पर बहस के बाद फैसला शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया गया. बहस के दौरान पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने जज से कहा अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे फांसी दे दो मेरी आंखों में तेजाब डाल दो। या तो मुझे न्याय दिया जाए या फिर फांसी पर लटका दिया जाए मेरी दो बेटियां हैं मुझे माफ कर दिया जाए सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सिंगर से कहा तुम्हारा परिवार है तो दूसरों का भी परिवार है यह तो तुम्हें अपराध करने से पहले सोचना चाहिए था लेकिन तुमने एक के बाद एक सारे कानून तोड़ दिए.
Accused Kuldeep Singh Sengar
तुम्हें दोषी करार दिया जा चुका है क्योंकि तुम्हारे खिलाफ साक्ष्य हैं. इस दौरान सेंगर सहित सभी सात दोषी अदालत में मौजूद रहे. सीबीआई और पीड़िता के वकील धर्मेश कुमार मिश्रा ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा देने की मांग की. अदालत ने 4 मार्च को पूर्व विधायक कुलदीप सिंह समेत अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था. न्यायाधीश ने कहा था कि पीड़िता के पिता को सिंगर ने पुलिसकर्मियों की मदद से फंसाया था.
पीड़िता के पिता की इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि उनकी मौत हो गई. सीबीआई यह साबित करने में सफल रही कि मारपीट के समय कुलदीप फोन पर पुलिसकर्मियों के संपर्क में था. इसके बाद पीड़िता के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखा गया. अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान सेंगर डॉक्टरों के संपर्क में था।
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