उन्नाव में भारत बंद का असर बेअसर
कृषि बिल के विरोध में आज भारत बंद का एलान था। इसका मिला जुला असर देखने को मिला। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भारत बंद का असर बेअसर दिखाई दे रहा है।
कृषि बिल (agriculture bill) के विरोध में आज भारत बंद का एलान था। इसका मिला जुला असर देखने को मिला। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भारत बंद का असर बेअसर दिखाई दे रहा है।
विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों यानि 25 सितम्बर को भारत बंद का एलान किया था। यहाँ भारत बंद का कोई असर नहीं दिखयी दे रहा है। जनपद में स्थित सामान्य है। ज्यादातर किसान भारत बंद के असर से बेखब है। सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेश 2020 के विरोध में घोषित भारत बंद बेअसर।
आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने कृषि से जुड़े दो बिल पास किये थे। इसके बाद से पुरे देश के किसान, राजनितिक दल और संगठन इसके विरोध में अलग अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद आज भारत बंन्द का ऐलान लिया गया था।
किसान बिल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस सहित विपक्ष के लोगों ने आजादी के बाद किसानों को ठगने का काम किया और PM जो कृषि विधेयक लाए हैं ये किसानों के हित में हैं. कांग्रेस ने घोषणा पत्र में ऐलान किया था कि APMC एक्ट को हटाएंगे और जब हम हटा रहे हैं तो उसका बेवजह विरोध कर रहे हैं.” किसान बिल के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया जा रहा है. बिहार के दरभंगा में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भैंस पर बैठ कर प्रदर्शन किया था।
’25 सितंबर को किसानों का कर्फ्यू होगा
पंजाब और हरियाणा के 31 किसान संगठन पहले से ही विरोध पर हैं और वे शुक्रवार को ‘भारत बंद’ के जरिए अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराना चाहते हैं. किसान यूनियनों ने किसानों से बिलों के विरोध में खुलकर सामने आने को कहा है. बीकेयू के राकेश टिकैत का कहना है कि ’25 सितंबर को किसानों का कर्फ्यू होगा. जब तक सरकार MSP के आधार पर उपज की खरीद की गारंटी कानून में नहीं देती तब तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा’.
कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के आंदोलन
विधेयकों का विरोध कर रहे किसानों को कांग्रेस (Congress) सहित 18 राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है. टीएमसी, वामदल, AAP और TRS भी बिल के विरोध में हैं. जबकि ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेडी ने बिलों को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की है. वहीं, चंडीगढ़ में, आंदोलनरत किसानों के ‘पंजाब बंद’ के समर्थन में 24 सितंबर को पंजाब यूथ कांग्रेस ने एक राज्यव्यापी मशाल मार्च निकाला. पंजाब यूथ कांग्रेस (PYC) के अध्यक्ष बृंदर सिंह ढिल्लों का कहना है कि हम कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं.
भीम आर्मी ने किया था प्रदर्शन
कृषि बिल के विरोध में आज फतेहपुर में भीम आर्मी ( Bhim Army activists)के सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन (protest) किया था। निजीकरण और कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते हुए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार (state government.) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौंपा था।
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