उन्नाव में किसानों को अधिकारी कर रहे परेशान, कनेक्शन के बदले रिश्वत की मांग
केंद्र की भाजपा सरकार जहाँ एक तरफ किसान( former ) हितैसी होने की बाते कर रही हैं तो वही दूसरी तरफ उनके ही अधिकारियों के उत्पीड़न से परेशान किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।
केंद्र की भाजपा सरकार जहाँ एक तरफ किसान( former ) हितैसी होने की बाते कर रही हैं तो वही दूसरी तरफ उनके ही अधिकारियों के उत्पीड़न से परेशान किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।
उन्नाव जिले में बिजली विभाग का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें बीघापुर ब्लॉक के आधा सैकड़ा किसानों पर विभाग ने बिजली चोरी का मामला दर्ज कराया है जबकि किसानों का कहना है कि दो साल पहले हमने विभाग के तत्कालीन जेई और एसडीओ से मिलकर कनेक्शन कराया था।जिसकी रसीद हमारें पास है।
विभाग ने बाकायदा खंभे लगाकर ट्रांसफर रखने के साथ कनेक्शन किया था जिसके लिए किसानों (formers ) ने बताया कि 90000 हजार रुपये से लेकर 150000 रुपये तक हम लोगों से कनेक्शन के नाम पर लिए गए थे।इसके बाद किसानों के पास बिल आया तो कई किसानों ने इसका बिल भी जमा किया है।
सैकड़ो एकड़ धान की फसल सिचाई के अभाव में सूख रही है
बीघापुर विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले दर्जनों किसानों से जुड़ा है जहाँ विभाग द्वारा किए गए खेतो की सिचाई के कनेक्शन अचानक विभाग ने अवैध घोषित कर कई किसानों पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा किसानों के खेतों के कनेक्शन काट दिए जिससे मेहनत से तैयार किसानों की सैकड़ो एकड़ धान की फसल सिचाई के अभाव में सूख रही है। पीड़ित किसान न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बिजली विभाग (electricity department ) की इस तानाशाही के शिकार ओसियां गाँव के रामनाथ कोरी ने बताया कि हमने तत्कालीन जेई और एसडीओ से मिलकर एक लाख बीस हजार रुपए जमा कर कनेक्शन लिया था जिसके लिए विभाग से हमारे खेतों के सर्वे कर कनेक्शन दिया गया था जिसमे कई खंभे लगने के साथ ही विभाग ने ट्रांसफर लगा सप्लाई शुरू की थी और हमने अपना ऑनलाइन माध्यम से बिल भी जमा किया,जिसकी रसीद भी हमारे पास है।बिल हमारे नाम से निकलता है।
…लेकिन आज तक हमे न्याय नहीं मिला है
अब दो साल बाद हमारा कनेक्शन अवैध बता कर कनेक्शन काट दिया गया है।हमारे ऊपर बिजली (electricity ) चोरी का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है हमारी धान की फसल सूख रही हैं।पीड़ित किसान ने बताया कि न्याय के लिए हमने जिलाधिकारी, सांसद, विधायक सहित जिले के सभी अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई लेकिन आज तक हमे न्याय नहीं मिला है।
वही जंगली खेड़ा के पीड़ित किसान पंचम सिंह ने बताया कि कनेक्शन के लिए हमने तत्कालीन एसडीओ और जेई को 130000 हजार रुपये दे कर कनेक्शन कराया था डेढ़ साल से हमारा कनेक्शन चल रहा था अब अचानक विभाग द्वारा हमारा कनेक्शन अवैध बता कर काट दिया गया, ऐसे में हमारी फसल सूख रही हैं।
कमल किशोर भी तीन बार अपना बिल जमा कर चुके हैं पर…
पुरैना गाँव के किसान भैरव का भी कनेक्शन (कनेक्शन संख्या-732001872584)काट दिया गया है जबकि इन्होंने 06/03/2020 को 4083₹ बिल जमा किया है,हजारों रुपये बिल जमा करने के बाद आज विभाग द्वारा कनेक्शन गलत बताने के सदमे में भैरम बीमार हो गए, इनका ईलाज कानपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।भैरव की फसल सूख रही है।कोई इनकी सुनने वाला नही है।कमल किशोर सथनी बाला खेड़ा के रहने वाले हैं।जिनका कनेक्शन (कनेक्शन संख्या-732001872576) अवैध बता कर काट दिया गया है जबकि कमल किशोर भी तीन बार अपना बिल जमा कर चुके हैं
बारा गाँव के रहने वाले रामकुमार का भी मामला ऐसा ही है, जिनका कनेक्शन 18/02/2016 को किया गया जिसकी कनेक्शन रसीद रामकुमार दिखाते हुए बताते हैं कि हमनें 2584₹ बिल जमा किया विभाग ने बिल स्वीकार कर लिया लेकिन आज हमारा कनेक्शन फर्जी बता कर हम किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है।किसानों की यह पीड़ा सुनने वाला कोई नही है।किसानों की फसलें सुख रही है किसान जिला मुख्यालय सहित बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
आजतक किसानों को न्याय नहीं मिला है
विभाग और अधिकारियों की कर गुज़रियो का शिकार ऐसे आधा सैकड़ा किसान न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं।धान की तैयार फसल पानी के अभाव में सुख रही हैं। इस मामलें को लेकर बीघापुर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह “बाबी” ने बताया कि पीड़ित किसानों की समस्या को लेकर हमने जिला कार्ययोजना की बैठक में प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में सांसद साक्षी महाराज, जिला पंचायत अध्यक्ष संगीत सेंगर सहित जनपद के विधायकों, अधिकारियों के सामने उठाया लेकिन आजतक किसानों को न्याय नहीं मिला है।किसानों के साथ हुए इस विभागीय भ्रष्टाचार में गरीब किसानों की फसलें सुख रही हैं,
जब इस मामलें को लेकर एक्सएएन ज्ञानेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने अपना पक्ष रखते फोन पर बताया कि किसानों के कनेक्शन गलत तरीके से किए गए हैं,किसानों ने पैसा किसको दिया यह हमारे संज्ञान में नही है।जब कनेक्शन होता है तो उसकी रसीद और एग्रीमेंट पेपर दिया जाता है।किसानों ने गलत तरीके से हसनगंज डिवीजन से अपने कनेक्शन कराए हैं, जबकि इनका क्षेत्र पुरवा डिवीजन में आता है।जो की नियमतः गलत है।इसीलिए विभाग ने सभी अवैध कनेक्शन काट दिए हैं।
अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर कनेक्शन फर्जी है तो किसानों के खेत तक लाइन ट्रांसफर लगाकर किसानों के नाम बिल कैसे विभाग ने जारी कर दिया ?बिना अधिकारियों की मिलीभगत के इतना बड़ा खेल कैसे हो गया ?
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