आगरा : मोहब्बत की निशानी ताजमहल के दीदार का इंतजार हुआ खत्म
आगरा से बड़ी खबर सामने आ रही है। जिला प्रशासन और संस्कृति मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद ताजमहल को दीदार के लिए खोला गया। ताजमहल के खुलते ही ताज दीदार को पर्यटक पहुंचे।
आगरा से बड़ी खबर सामने आ रही है। जिला प्रशासन और संस्कृति मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद ताजमहल को दीदार के लिए खोला गया। ताजमहल के खुलते ही ताज दीदार को पर्यटक पहुंचे।
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कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टनसिंग और सैनिटाइजिंग के बाद ही पर्यटकों को अंदर जाने की इजाजत दी जा रही है। पहले सैनिटाइजिंग की जाती है उसके बाद शरीर का तापमान चेक होने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।
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मोहब्बत की निशानी ताजमहल के लॉकडाउन के चलते 184 दिन बंद रहा था । इससे पूर्व भी दो बार भी बंद रह चुका है ताजमहल। कोरोना महामारी से पहले ताजमहल को भारत-पाक युद्ध और आगरा में बाढ़ के दौरान ही किया गया था।
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ताजमहल को आपको बता दें की मोहब्बत की निशानी के रूप में देखा जाता है। ताज महल का केन्द्र बिंदु है, एक वर्गाकार नींव आधार पर बना श्वेत संगमर्मर का मक़बरा। यह एक सममितीय इमारत है, जिसमें एक ईवान यानि अतीव विशाल वक्राकार (मेहराब रूपी) द्वार है। इस इमारत के ऊपर एक वृहत गुम्बद सुशोभित है। अधिकतर मुग़ल मक़बरों जैसे, इसके मूल अवयव फ़ारसी उद्गम से हैं।
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इसका मूल-आधार एक विशाल बहु-कक्षीय संरचना है। यह प्रधान कक्ष घनाकार है, जिसका प्रत्येक किनारा 55 मीटर है (देखें: तल मानचित्र, दांये)। लम्बे किनारों पर एक भारी-भरकम पिश्ताक, या मेहराबाकार छत वाले कक्ष द्वार हैं। यह ऊपर बने मेहराब वाले छज्जे से सम्मिलित है। मुख्य मेहराब के दोनों ओर,एक के ऊपर दूसरा शैलीमें, दोनों ओर दो-दो अतिरिक्त पिश्ताक़ बने हैं। इसी शैली में, कक्ष के चारों किनारों पर दो-दो पिश्ताक (एक के ऊपर दूसरा) बने हैं।
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