बुलंदशहर : शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे अब इस गांव के बच्चे

देश तो कब का आज़ाद  हो गया लेकिन नहीं आज़ाद हुआ है तो बस ये गांव। सरकार चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन इस गांव की खस्ता हाल शिक्षा व्यवस्था ने सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है। कई गांव ऐसे है जहाँ सरकार की योजनाएं नहीं पहुंच पाती जिसका नतीजा ये है वहां के स्थानीय लोगों को आगे आना पड़ा। 

  • दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अड़ोली गांव ऐसा भी है.
  • जहां आज तक एक भी प्राथमिक विद्यालय नहीं था।
  • लंबे इंतज़ार और मेहनत के बाद अब जल्द ही वहां एक प्राथमिक विद्यालय बनेगा।
  • गांव वालों और ग्राम प्रधान के कड़े प्रयासों के बाद अब एक प्राथमिक विद्यालय बनेगा।

बच्चे दो किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे पढ़ने 

  • इस वजह से इस गांव के बच्चे अब तक शिक्षा के अधिकार से अब तक वंचित थे ।
  • वहां के स्थानीय लोगों के प्रयासों से गांव के बच्चे भी अब पढ़ सकेंगे।
  • वहीं गांव के लोगों का कहना है कि आजादी से लेकर आज तक गांव में कोई भी सरकारी बिल्डिंग नहीं बनी है।
  • इस गांव के बच्चे दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में पढ़ने जाते हैं.
  • गांव के लोगों व ग्राम प्रधान के साथ मिलकर लगातार चार साल के कड़े प्रयास व मेहनत के बाद अब गांव में  प्राइमरी स्कूल बनेगा।
  • बता दे अडोली बुलंदशहर तहसील का गांव है.
  • जो कि शहर के बेहद नजदीक है.
  • बावजूद उसके भी गांव में आजादी से लेकर आज तक कोई भी सरकारी बिल्डिंग नहीं बनी है।
  • गांव की आबादी तकरीबन चार हजार है.
  • गांव के मासूम बच्चे मीलों पैदल चलकर शिक्षा ग्रहण करने दूसरे गांव में जाते हैं.
  • काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार ग्राम प्रधान ने सरकार की मदद लेते हुए प्राइमरी स्कूल का सेक्शन करा दिया है.
  • काम भी जोरों से चल रहा है।

ग्राम प्रधान का कहना है कि जो भी ऐसे गांव हैं जहां पर शिक्षा का मंदिर यानी कि स्कूल नहीं है वह लोग अपने गांव में स्कूल होने का सपना बिल्कुल पूरा कर सकते हैं, बस उनको थोड़ी सी मेहनत करते हुए अपने गांव की तस्वीर सरकार की नजरों में लानी है सरकार उसके बाद यकीनन गांव में मदद पहुंचाई जाएगी।

नहीं रहें पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि

फिलहाल गांव में सभी लोग खुश हैं और इंतजार कर रहे हैं उस दिन का जब गांव में प्राइमरी स्कूल बनकर तैयार होगा और गांव के बच्चे गांव में रहते हुए ही शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे और भविष्य में अपने और अपने माँ बाप के सपने पूरे करते हुए, अपने पैरों पर भी खड़े हो पाएंगे।

Related Articles

Back to top button