मानसून सत्र के पहले दिन होगी वर्चुअल युवा संसद, रोजगार बने मौलिक अधिकार का उठेगा सवाल
रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के सवाल पर देशभर के छात्र युवा संगठन मानसून सत्र के पहले दिन 14 सितंबर को वर्चुअल युवा संसद आयोजित करेंगे. इनमें युवा हल्ला बोल, युवा मंच, आइसा, इंकलाबी नौजवान सभा, डीवाईएफआई, युवा शक्ति संगठन, नौजवान सभा, प्रतियोगी छात्रों के संगठन समेत रोजगार जाने से पीडि़त 181 वूमेन हेल्पलाइन, महिला समाख्या, स्कीम वर्कर आंगनबाड़ी, आशा, शिक्षामित्र, बुनकरों के संगठनों के प्रतिनिधि व छात्र संघों के पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे. इसके अलावा मनरेगा, प्रवासी मजदूरों, आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर संघर्षरत युवा भी अपनी बात रखेंगे।
यह जानकारी युवा हल्ला बोल के संयोजक अनुपम व युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने प्रेस को जारी अपने बयान में दी है। युवा नेताओं ने बताया कि इस दिन रोजगार के सवाल पर राष्ट्रीय स्तर रोजगार अधिकार दिवस मनाया जाएगा और देशभर में सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए प्रतिवाद कार्यक्रम भी होंगे और हैशटैग रोजगार,बने,मौलिक, अधिकार के तहत ट्विटर व फेसबुक आदि सोशल मीडिया में कैंपेन चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम द्वारा मौजूदा रोजगार के संकट के दौर में संसद में रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के लिए देश के राजनीतिक दलों से अपील की जायेगी और कहा जायेगा इस सत्र में इस पर प्रस्ताव लाया जाए. तात्कालिक तौर पर संसद में कानूनी प्रावधान कर देश भर में खाली 24 लाख पदों को भरा जाये, रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाये जायें और बेरोजगारों को जीवननिर्वाह के लिए बेकारी भत्ता दिया जाये।
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