प्रयागराज : माफिया डॉन अतीक अहमद के आर्थिक साम्राज्य पर करारा चोट, आलीशान व्यावसायिक कॉन्प्लेक्स ध्वस्त
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के नेतृत्व में जिला प्रशासन व पुलिस टीम की मौजूदगी में सात घंटे तक चली कार्रवाई
प्रयागराज : माफिया डॉन अतीक अहमद के आर्थिक साम्राज्य पर करारा चोट, आलीशान व्यावसायिक कॉन्प्लेक्स धरासाई
माफिया डॉन अतीक अहमद के अवैध रूप से खड़े किए गए आर्थिक साम्राज्य पर चोट पहुंचाने के क्रम में चल रही कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही। इस दिन उसकी सिविल लाइंस में हाईकोर्ट हनुमान मंदिर के पास स्थित करोड़ों रुपए की संपत्ति जमींदोज करवा दी गई।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के नेतृत्व में जिला प्रशासन व पुलिस टीम की मौजूदगी में सात घंटे तक चली कार्रवाई में उसका दो मंजिला व्यावसायिक भवन ढहा दिया गया। इस दौरान हनुमान मंदिर से पत्थर गिरजाघर चौराहे तक का इलाका छावनी में तब्दील रहा।
सिविल लाइंस में हाईकोर्ट हनुमान मंदिर के पास ही अतीक अहमद का दो मंजिला व्यवसायिक भवन स्थित है। इस दो मंजिला भवन में कई दुकानें बनी हैं लेकिन अभी यह अर्धनिर्मित ही थीं। सुबह 11 बजे के करीब पीडीए, जिला प्रशासन और पुलिस अफसर भारी फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद पीडीए के दस्ते में शामिल दो बुलडोजरों से भवन ध्वस्तीकरण का काम शुरू कराया गया।
सबसे पहले दूसरी मंजिल पर बनी दुकानों को तोड़ा गया और इसके बाद पहली मंजिल और फिर भूतल पर हुए निर्माण को ढहाया गया। 11.30 बजे से शुरू हुई कार्रवाई शाम 6.30 बजे के करीब पूरी हुई। सात घंटे तक चली कार्रवाई में भवन पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।
शनिवार को सिविल लाइंस स्थित अतीक की जिस संपत्ति पर कार्रवाई की गई, उसके पूरी तरह से बनकर तैयार होने के पहले ही विवाद खड़ा हो गया था। दरअसल अतीक अहमद की ओर से इस फ्रीहोल्ड संपत्ति पर भवन निर्माण के लिए 2006 में मानचित्र स्वीकृत कराया गया था। जिसके बाद उसने भवन निर्माण शुरू करा दिया। लेकिन ओपन एरिया पेनाल्टी को लेकर निर्माण में पेच फंस गया।
जुर्माने के 3.5 लाख रुपए जमा करने की बात आई तो अतीक अहमद की ओर से इस संबंध में हाई कोर्ट में रिट दाखिल कर दी गई। 2017 में सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट की ओर से यह रिट खारिज कर दी गई। तय समय पर जुर्माना ना जमा होने के कारण ही इसी साल मार्च में इस भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश पीडीए की ओर से जारी किया गया था। जिसके बाद शनिवार को बुलडोजर चलवा कर इसे ढहा दिया गया।
कार्रवाई में शामिल रहे अफसरों ने बताया कि मानचित्र भले ही सिर्फ दो मंजिला निर्माण के लिए स्वीकृत कराया गया था, लेकिन जिस तरह से भवन की नींव का काम करवाया गया था, उससे यही लग रहा है कि इसे कई मंजिला बनाने की योजना थी। दो मंजिला भवन 20:20 पर खड़ा किया गया, उसी कंक्रीट और लोहे की सरिया के जाल से बेहद मजबूत तरीके से तैयार कराया गया था। नाम ना छापने की शर्त पर अफसरों का कहना है कि सूचना यही मिली थी कि इस भूमि पर अतीक एक आलीशान व्यावसायिक कॉन्प्लेक्स खड़ा करना चाहता था।
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