CAA पर चल रहे भारी विरोध के बीच 1अप्रैल से शुरू होगा एनपीआर और जनगणना का कार्य
The UP Khabar
नई दिल्ली : जहाँ देश में अभी CAA और एनआरसी पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा तो वहीँ सरकार 2021 की जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने के सिलसिले में तैयारी का काम पूरी तेजी के साथ कर रही है। 1 अप्रैल से पूरे देश में 2021 की जनगणना और एनपीआर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह कार्य 30 सितंबर तक चलेगा। गृह मंत्रालय ने जनगणना अभियान के लिए नियुक्त निदेशकों के सम्मेलन के बाद गुरुवार को इसकी घोषणा की है.
आपको बता दें इससे पहले भी कुछ रजनीतिक दलों ने एनपीआर पर विरोध दर्ज कराते हुए इसका बहिस्कार किया है. जिसमे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रमुख हैं. सपा सुप्रीमों ने अपने बयान में कहा था कि वो एनपीआर में अपना व अपने परिवार का नाम दर्ज नहीं कराएँगे।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) :-
क्या है एनपीआर?
भारत में रहने वाले स्वाभाविक निवासियों का एक रजिस्टर है एनपीआर। एनपीआर को नागरिकता कानून, 1955 और सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के प्रावधानों के तहत ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है।
एनपीआर अपडेट करने का क्या है मुख्य उद्देश्य?
देश में रह रहे सभी निवासियों की पूरी पहचान और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियों को इकट्ठा कर उसके आधार पर डेटाबेस तैयार करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। सरकार द्वारा हर परिवार तक अपनी स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए व जनता के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए इसको तैयार किया जाता है।
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