मध्यप्रदेश:उज्जैन महाकाल के ज्योतिर्लिंग को नुकसान से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश..

मध्यप्रदेश

उज्जैन महाकाल के ज्योतिर्लिंग को नुकसान से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश –

किसी श्रद्धालु को शिवलिंग को रगड़ने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए,

पुजारी सुनिश्चित करेंगे कि कोई श्रद्धालु किसी भी सूरत में शिवलिंग को ना रगड़े, ऐसा होने की सूरत में पुजारी उन्हें न रोकने के लिए ज़िम्मेदार होंगे। सिर्फ मन्दिर की ओर से होने वाली परंपरागत पूजा में ही इसकी इजाजत दी जा सकती है,

शिवलिंग के ऊपर दही, धी, शहद का इस्तेमाल इसे नुकसान पहुँचा सकता है। बेहतर होगा कि सीमित मात्रा में सिर्फ शुद्ध दूध चढ़ाने की इजाज़त मिले, हां, मन्दिर की ओर से होने वाली परम्परागत पूजा में सभी शुद्ध पदार्थ इस्तेमाल किये जा सकते है,

किसी श्रद्धालु को शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाने की इजाज़त न मिले। सिर्फ परम्परागत पूजा / अर्चना में इसकी इजाज़त मिल सकती है,

मन्दिर कमेटी ही शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए शुद्ध दूध और जल श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराएगी।दूध की शुद्धता सुनिश्चित करना मन्दिर कमेटी की ज़िम्मेदारी होगी,

गर्भगृह के अंदर पूजा /आराधना की 24 घन्टे वीडियो रिकॉर्डिंग हो। रिकॉर्डिंग को कम से कम 6 महीने के लिए सुरक्षित रखा जाए। किसी पुजारी द्वारा नियम का अगर उल्लंघन पाया जाता है, तो मन्दिर प्रबंधन उसके खिलाफ कार्रवाई करे,

कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिए कि मन्दिर के 500 मीटर के दायरे में अतिक्रमण को हटाए,

एक्सपर्ट कमेटी मन्दिर का दौरा करेगी और 15 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करेगी,

अगले साल जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

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