मुजफ्फरनगर : बावरिया गैंग का बदमाश अरेस्ट, ऐसे होते हैं ये लोग
मुजफ्फरनगर : बावरिया गैंग का बदमाश अरेस्ट, ऐसे होते हैं ये लोग
Bavaria gang rogue arrests this is how these people : मुजफ्फरनगर जनपद की राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा सोमवार की देर रात्रि रेलवे स्टेशन से चेकिंग के दौरान एक 25 हजार के इनामी बदमाश विशाल बावरिया निवासी शामली को गिरफ्तार किया गया।
Bavaria gang rogue arrests this is how these people
- वहीं पकड़े गए शातिर बदमाश के कब्जे से पुलिस ने एक तमंचा और पांच कारतूस बरामद किए।
- वही पुलिस अधिकारी की मानें तो चेकिंग के दौरान 25 हजार का इनामी बदमाश विशाल निवासी शामली को गिरफ्तार किया गया
- जिसके कब्जे से एक तमंचा व कारतूस बरामद हुआ है,
- वही इनामी बदमाश सहारनपुर से 2019 में हुई डकैती में वांछित चल रहा था
- और बदमाश के खिलाफ लूट डकैती हत्या के दर्जनों मुकदमे शामली सहारनपुर मुजफ्फरनगर में दर्ज है।
- बावरिया समाज के बारे में जानकारी रखने वाले बताते हैं कि
- अंग्रेजी सरकार ने बावरिया सहित कई जातियों को 1871 में बेदखल कर आपराधिक जनजाति घोषित कर दिया।
- बेदखल हुए लोगों को गांव से बाहर जाने के दौरान पुलिस ने थाने में अंगूठा लगाने को बाधित किया।
- अंग्रेजी सरकार के अत्याचारों से बावरिया समाज अपराध की तरफ मुड़ गया।
- रिटायर्ड एसपी जगत सिंह हुड्डा ने बताया कि अंग्रेजी कानूनों की वजह से इन लोगों को मजदूरी मिलनी बंद हो गई,
- तो वे चोरी और लूट की तरफ मुड़े गए।
- साल 1952 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अंग्रेजी सरकार के काले कानून को निरस्त कर 313 खानाबदोश अनुसूचित
- और 198 गैर अधिसूचित जनजातियों को स्वतंत्रता से जीने का अधिकार दिया।
- कानून तो खत्म हुए लेकिन सामाजिक परिस्थितियों बदलाव नहीं आ पाया आया।
- आजादी के 73 साल बाद भी बावरिया समाज अशिक्षित, भूमिहीन,
- बेरोजगार होकर खानाबदोश की जिंदगी जी रहा है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से अभी भी पुराने ढर्रे पर चलकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
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