भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे-गृह मंत्री अमित शाह
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हुआ निधन, कोरोना पॉजिटिव थे पूर्व राष्ट्रपति…. 84 साल की उम्र में दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में ली अंतिम सांस। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी डीप कोमा में थे. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर ये दुःखद जानकारी दी.
With a Heavy Heart , this is to inform you that my father Shri #PranabMukherjee has just passed away inspite of the best efforts of Doctors of RR Hospital & prayers ,duas & prarthanas from people throughout India !
I thank all of You ?— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) August 31, 2020
प्रणब मुखर्जी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे और उनकी हाल ही में ब्रेन सर्जरी की गई थी. प्रणब मुखर्जी साल 2012 देश के राष्ट्रपति बने थे, 2017 तक वो राष्ट्रपति रहे. साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
प्रणब मुखर्जी को खराब स्वास्थ्य के कारण 10 अगस्त को दिल्ली के RR अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद सर्जरी की गई थी.
राष्ट्रपति समेत कई दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि:-
- गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया.
- उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे.
- जिन्होंने देश की सेवा की. प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है.
- अमित शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की.
- उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है.
Pranab Da’s life will always be cherished for his impeccable service and indelible contribution to our motherland. His demise has left a huge void in Indian polity. My sincerest condolences are with his family and followers on this irreparable loss. Om Shanti Shanti Shanti
Deeply anguished on the passing away of former President of India, Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee ji. He was a vastly experienced leader who served the nation with utmost devotion. Pranab da’s distinguished career is a matter of great pride for the entire country.
— Amit Shah (@AmitShah) August 31, 2020
प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक सफर के कुछ पहलू…
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुआ था, शुरुआती पढ़ाई भी उन्होंने गृह जिले से ही की थी. लेकिन बाद में कोलकाता में राजनीतिक शास्त्र की पढ़ाई करने आ गए. करीब 6 दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने हर वो मंत्रालय और पद संभाला है, जो राजनीतिक जीवन में काफी बड़ा माना जाता है.
प्रणब मुखर्जी 1969 से पांच बार राज्यसभा के सांसद चुने गए, फिर 2004 में उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा और लोकसभा सांसद भी चुने गए. इंदिरा गांधी की मदद से राजनीति में प्रवेश करने वाले प्रणब मुखर्जी कांग्रेस का सबसे बड़ा और भरोसेमंद चेहरा भी बने.
साल 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने, उसके बाद लगातार वो इंदिरा गांधी की सरकार, फिर राजीव गांधी की सरकार में मंत्री बनते रहे. 1980 में प्रणब मुखर्जी का राज्यसभा में कांग्रेस का नेता बना दिया गया और प्रधानमंत्री के बाद उनकी ही धमक पार्टी में दिखी.
साल 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया गया, वो 2017 तक इस पद पर रहे. इस दौरान शुरुआती साल में मनमोहन सिंह और अंतिम वर्षों में नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने काम किया. नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी की जोड़ी हमेशा चर्चा में रही, अंत में मोदी सरकार ने ही उन्हें भारत रत्न से नवाजा. 2019 में जब प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया गया.
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