एटा : खतरे में है जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की जान, जानिए पूरा मामला
एटा : खतरे में है जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की जान, जानिए पूरा मामला
life in district hospital is in danger: जिला अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की जान कोरोना वायरस के इस दौर में हमेशा खतरे में रहती है।
- वजह यह है कि जिस जगह पर सामान्य मरीजों के खून की जांच हुआ करती है।
- वहीं बगल कमरे में रोजाना दर्जनों की संख्या में लोग कोरोना वायरस की जांच कराने पहुंचते हैं।
- इसमें कई लोग पॉजिटिव भी निकलते हैं।
- इतना ही नहीं किसी प्रकार की समस्या होने पर कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज जिन्होंने यहां से जांच करा रखी होती है।
- वह भी इसी जगह पर पहुंच जाते हैं।
- स्वास्थ्य कर्मियों से जानकारी लेते हैं।
- स्वास्थ्य कर्मी यह जानते हुए भी कि सामने वाला कोरोना वायरस है।
- उसे जानकारी देते हैं बिना किसी सुरक्षा उपाय के।
- अभी कुछ दिन पूर्व भी एक शख्स की कोरोना वायरस जांच अस्पताल में हुई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
- बताया यह जा रहा है कि संक्रमित शख्स इलाज के लिए सीएमओ कार्यालय को फोन करता रहा।
- जवाब न मिलने पर वह जिला अस्पताल पहुंच गया।
- यह तो बानगी मात्र है।
- इस तरह के खतरों से यहां के स्वास्थ्य कर्मियों को रोजाना दो-चार होना पड़ता है।
life in district hospital is in danger:
- जिला अस्पताल में सामान्य मरीजों से अलग कोरोना वायरस जांच के लिए जो जगह निर्धारित की गई थी।
- वहां पर अभी जांच नहीं हो पा रही है।
- जिस जगह पर मौजूदा समय में कोरोना वायरस की जांच की जा रही है।
- वहां पर सामान्य मरीज भी खून की जांच कराने पहुंचते हैं।
- अंतर सिर्फ इतना होता है कि सामान्य मरीजों की खून की जांच दूसरे कमरे में होती है
- कोरोनावायरस मरीजों की जांच दूसरे कमरे में लेकिन जांच से पहले कोरोना वायरस की जांच कराने पहुंचे लोग
- तथा सामान्य मरीज एक साथ एक बरामदे में ही इकट्ठा होते हैं।
- जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज नहीं होती।
- कुल मिलाकर अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य कर्मी तथा चिकित्सक मरीजों को इलाज दे रहे हैं।
- सीएमएस डॉ राजेश अग्रवाल के मुताबिक कोरोना वायरस जांच के लिए अस्पताल परिसर में अलग से व्यवस्था की गई है।
- मौजूदा समय में दोनों जगह पर जांच होती है।
- कोरोना वायरस की जांच अलग कमरे में होती है।
- जबकि सामान्य मरीजों की जांच अलग कमरे में होती है।
- जिस जगह पर जांच होती है वहां पर दिन में तीन बार सैनिटाइज किया जाता है।
- उन्होंने बताया कि मैन पावर कम होने के बाद भी दूसरी जगह (बूथ) पर जांच होती है।
- अस्पताल परिसर में बने दंत ओपीडी के सामने एक बूथ बनाया गया है।
- जिसके अंदर से स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस जांच के लिए सैंपल इकट्ठा कर सकते हैं।
- लेकिन वह अक्सर बंद रहता है और उसमें ताला पड़ा दिखाई पड़ता है।
- लोग बताते हैं कि यहां पर कभी कभार ही जांच होती है।
- अक्सर जहां पर अन्य जांचे होती हैं।
- उसी कमरे के बगल में कोरोना वायरस की भी जांच की जाती है।
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