वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी के निधन पर पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।
Dom raja Jagdish Chaudhary Kashi dies CM Yogi mourns Varanasi:- काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। वाराणसी के ही निजी अस्पाताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। जांघ में घाव के कारण कई महीनों से उनका इलाज चल रहा था।
Dom raja Jagdish Chaudhary Kashi dies CM Yogi mourns Varanasi:-
काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी का निधन।
काशी के डोम राजा के निधन पर सीएम दुखी,
डोम राजा के निधन पर CM ने जताया शोक,
मुख्यमंत्री ने कहा…
2019 चुनाव में PM के प्रस्तावक रहे।
डोम राजा जगदीश चौधरी जी का निधन।
जगदीश चौधरी जी को नमन।
डोम राजा बनारस के साथ आध्यात्म से भी महत्वपूर्ण’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीश चौधरी को अपना प्रस्तावक चुना था
काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी के निधन की खबर मिलते ही उनके त्रिपुरा भैरवी घाट स्थित निवास पर लोगों की भीड़ जुट गई। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीश चौधरी को अपना प्रस्तावक चुना था।
वाराणसी में अंतिम संस्कार मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर होता है। दोनों घाटों पर अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी डोम समाज के पास है। काशी में इस प्रमुख जिम्मेदारी को निभाने के कारण इन्हें डोम राजा कहा जाता है।
पीएम मोदी का प्रस्तावक बनने के बाद जगदीश चौधरी ने कहा था कि…
- अब हमारे समाज को अलग पहचान मिली है।
- पहली बार किसी राजनीतिक दल ने हमें यह पहचान दी है।
- हम बरसों से लानत झेलते आए हैं।
- हालात पहले से सुधरे जरूर हैं, लेकिन समाज में हमें पहचान नहीं मिली है।
- और प्रधानमंत्री चाहेंगे तो हमारी दशा जरूर बेहतर होगी।
- उन्होंने यह भी कहा था कि नेता वोट मांगने आते हैं लेकिन बाद में कोई सुध नहीं लेता।
हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट में करीब 500 से 600 डोम रहते हैं
- हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट में करीब 500 से 600 डोम रहते हैं।
- जबकि उनकी बिरादरी में पांच हजार से ज्यादा लोग हैं।
- दोनों घाटों पर सभी डोम की बारी लगती है और कभी दस दिन या बीस दिन में बारी आती है।
- बाकी दिन बेगारी।
- कोई स्थायी नौकरी नहीं है और कमाई भी इतनी नहीं कि बच्चों को अच्छी जिंदगी दे सकें।
- जगदीश चौधरी ने पीएम मोदी का प्रस्तावक बनने पर गर्व जताते हुए कहा था।
- कि यह पूरी बिरादरी के लिए गर्व की बात है कि मैं प्रधानमंत्री का प्रस्तावक बन सका।
- हम समाज में पहचान पाने को तरस गए हैं।
- उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी जीतने के बाद हमारी पीड़ा समझेंगे।
- और हमें वह दर्जा समाज में दिलाएंगे जिसकी शुरुआत आज हुई है।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :