1 अप्रैल से मर्ज होंगी यह 10 बैंकें, आप के खातों पर पड़ सकता है बड़ा असर

THE UP KHABAR 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 10 बड़ी सरकारी बैंको को मर्ज करने के विलय को मंजूरी मिल गई है, सूत्रों की माने तो इसकी घोषणा दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में करी जा सकती है, बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ़ से 30 अगस्त 2019 को 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की गई थी. अब इसको लेकर सरकार इसी हफ्ते में इसकी नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. इस विलय के बाद देश में चार बड़े बैंक बन जाएंगे. नए बैंक 1 अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ सकते हैं.

 

मिली जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बैंको के नाम भी बदले जा सकते है, लेकिन सरकार की तरफ से इसकी कोई भी सूचना अभी तक नहीं मिली है, वित् मंत्री ने जब बैंको को मर्ज करने की घोषणा की थी तब उन्होंने कहा था की विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी जो की 2017 में 27 थी.

बता दें इस विलय से पहले भी एक विलय हुआ था जिसमे विजय बैंक को बैंक ऑफ़ बरोदा में मर्ज कर दिया गया था।

कौन सी बैंक में जिसका होगा विलय

  • पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा
  • केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होगा
  • यूनियन बैंक का आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के साथ विलय होगा
  • इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक विलय के बाद देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा

बैंक

आप पर क्या पड़ेगा असर

  • ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है
  • जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे
  • SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.
  • नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है.
  • फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा
  • कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है
  • मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा.

 

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