गणेश चतुर्थी 2020- यहां भगवान गणेश को मास्क पहनाकर की गई पूजा, देखें Video…

गणेश चतुर्थी 2020- यहां भगवान गणेश को मास्क पहनाकर की गई पूजा, देखें Video...

Ganesh Chaturthi 2020 Lord Ganesha worshiped wearing mask:- अलीपुरद्वार. आज गणेश चतुर्थी गई और आज पूरे देश भर में भगवान गणेश की पूजा की जा रही है। लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से कहीं ना कहीं गणेश पूजा इसबार फिंका है ।

Ganesh Chaturthi 2020 Lord Ganesha worshiped wearing mask:-

  • पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी इलाके में मनाई जा रही है।
  • यहां भगवान गणेश की पूजा अनोखे रूप से की जा रही है।
  • यहां पहुंचने वाले भक्तों के साथ ही साथ भगवान गणेश को भी मास्क पहनाया गया है।
  • ताकि उन्हें पूर्ण कोरोना वायरस से सुरक्षित रखा जा सके।
  • पिछले 20 सालों से कालचीनी मोदी लाइन द्वारा किए जा रहे इस पूजा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं।
  • लेकिन इस बार अपेक्षाकृत काफी कम लोग यहां उपस्थित हुए हैं ।
  • यहां पहुंचने वाले लोगों को सभी तरह की सुरक्षा व्यवस्था के बाद ही मंदिर में आने की अनुमति दी जा रही है।

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

पूजा का शुभ मुहर्त पूर्वाह्न 11 बजकर सात मिनट से दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक
दूसरा शाम चार बजकर 23 मिनट से सात बजकर 22 मिनट तक
रात में नौ बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक है।

पूजा सामग्री

पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के दिन प्रातरू काल स्नान-ध्यान करके गणपति के व्रत का संकल्प लें। इसके बाद दोपहर के समय गणपति की मूर्ति या फिर उनका चित्र लाल कपड़े के ऊपर रखें। फिर गंगाजल छिड़कने के बाद भगवान गणेश का आह्वान करें। भगवान गणेश को पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और दूर्वा (घास) चढ़ाए। इसके बाद गणपति को मोदक लड्डू चढ़ाएं, मंत्रोच्चार से उनका पूजन करें। गणेश जी की कथा पढ़ें या सुनें, गणेश चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें।

भगवान की पूजा करें और लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें। इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें। दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें। प्रसाद में लड्डू का वितरण करें।

गणेश मंत्र : Ganesh Mantra

पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें । प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें।
ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।

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