सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने की पार्टी प्रमुख नेताओं और विधायकों से मुलाकात, इन मुद्दों पर की चर्चा

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यहां कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से दो मंत्रियों की दुखद मौतों के बाद भी भाजपा सरकार सिर्फ राजनीति में उलझी है। टेस्टिंग और इलाज का हाल बहुत ही बुरा है। जनता का काम-व्यापार, नौकरी, रोजगार सब निम्न स्तर पर है अगर कुछ उच्चतम स्तर पर है तो वह है अपराध और सरकार की विपक्ष के प्रति बदले की भावना से की जा रही कार्यवाही।

 

अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में 20 अगस्त और 21 अगस्त 2020 दो दिन समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं और विधायकों से मिले और उनके साथ प्रदेश के समक्ष पेश तमाम समस्याओं पर चर्चा की। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी और कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्ष ही नहीं खुद सत्तारूढ़ दल भाजपा के सांसद ओर विधायक शासन-प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में सरकारी सेवाओं में आरक्षण खत्म है। अब दलित और पिछड़े वर्ग के युवकों को सड़क पर उतर कर साइकिल चलाने को कमर कस लेनी चाहिए।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से विधान परिषद सदस्यों ने शिकायत की कि सदन में विपक्ष का बहुमत होने के बावजूद उनकी मांग को अनसुना कर सत्तारूढ़ दल ने अल्पमत में होने पर भी क्रम संख्या 94 पर अंकित आर्थिक आधार पर आरक्षण विधेयक की त्रुटियों को देखते हुए प्रमुख सचिव विधान परिषद को प्रतिवेदन देकर इसे प्रवर समिति को सौंपने का अनुरोध किया था। समाजवादी पार्टी ने इस पर मत विभाजन की मांग भी की थी। सत्तारूढ़ भाजपा दल ने आननफानन इसे पारित करा कर लोकतंत्र की हत्या की है।

अखिलेश यादव से वार्ता में विधायकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि चिंताजनक है। इलाज और अस्पतालों की दशा खराब है। भाजपा सरकार गम्भीर नहीं है। बातचीत के दौर में यह बात भी उभर कर आई कि भाजपा सरकार विपक्ष के प्रति बदले की भावना से काम करती है। समाजवादी पार्टी के नेता एवं सांसद मोहम्मद आज़म खां को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। उनके साथ ज्यादती हो रही है। डाॅ0 कफील के साथ हो रहे अन्याय की बात भी उठाई गई।

विधायकों ने सपा प्रमुख को यह भी बताया कि विभिन्न जनपदों में समाजवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी केस बनाए जा रहे हैं। संकट काल में पलायन कर आ रहे श्रमिकों की मदद में लगे समाजवादी नेताओं पर भी मुकदमें लगा दिए गए हैं। भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी के ठोको निर्देश के तहत पुलिस फर्जी एनकाउण्टर कर रही है। मानवाधिकार आयोग और अदालत ने भी इसका संज्ञान लिया है।

एक बात पर सभी सहमत थे कि समाजवादी सरकार के समय हुए विकासकार्यों की चर्चा आज तक है। समाजवादी सरकार का काम बोलता है। चर्चा यह भी है कि भाजपा सरकार ने जनहित में कोई काम नहीं किया सिर्फ बड़े-बड़े वादे किए जिनमें एक भी पूरा नहीं हुआ है। लोग भाजपा से बुरी तरह निराश है।

विधायकों ने कहा कि जब सन् 2022 में समाजवादी सरकार बनेगी तभी जनता की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। भाजपा विकास के मामले में विफल साबित हुई है। उसके राज में जनता त्रस्त है।

अखिलेश यादव से मुलाकात करने वालों में प्रमुख थे सर्वश्री नरेश उत्तम पटेल, मनोज पाण्डेय, आनन्द भदौरिया, नरेन्द्र वर्मा, एसआरएस यादव, शैलेन्द्र यादव ललई, अमिताभ बाजपेई, रफीक अंसारी, सुनील सिंह साजन, राकेश प्रताप सिंह, रामवृक्ष यादव, रामसुन्दर दास निषाद, महबूब अली, नवाब महमूद इकबाल, नवाब जान, नसीम अहमद, मनोज पारस, डाॅ0 राजपाल कश्यप, अरविन्द सिंह, उदयवीर सिंह, संजय लाठर, संतोष यादव ‘सनी‘, फहीम, प्रभु नारायण यादव, मोहम्मद तसलीम अम्बरीष पुष्कर, आशुतोष पाण्डेय, संग्राम यादव, अबरार अहमद, मो0 रिजवान, ओमकार यादव, राजकुमार राजू, श्रीमती लीलावती कुशवाहा, वीरेन्द्र यादव, अरविन्द प्रताप, मिस्बाउद्दीन तथा इमलाक हुसैन आदि।

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