लखनऊ- गन्ना किसानों को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर बोला बड़ा हमला…
लखनऊ- गन्ना किसानों को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर बोला बड़ा हमला...
SP chief Akhilesh Yadav big attack UP government :- लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में किसानों की जितनी बर्बादी हुई है और उन्हें अपमानित किया गया है उतना पहले कभी नहीं हुआ। धान की रोपाई के लिए किसान खाद को तरस रहा है।
SP chief Akhilesh Yadav big attack UP government:-
गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रूपया बकाया है इसके भुगतान पर सरकार गम्भीर नहीं है। गन्ना किसानों का अपमान करने के लिए केन्द्र सरकार ने 285 रू0 कुंतल समर्थन मूल्य रखा है। यह वृद्धि 10 रूपया प्रति क्विंटल की है। किसानों की आय दुगनी कब होगी? सन् 2022 तो अब दरवाजे पर ही खड़ा है। किसान तो दूर-दूर तक इंतजार कर रहा है कि उसके लिए घोषित राहत पैकेज की रकम कहां है?
यूरिया के नाम पर कालाबाजारी
- राज्य का किसान भाजपा राज में आपदा और अभाव से अभिशप्त है।
- खरीफ की फसल के लिए यूरिया चाहिए पर तमाम साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली है।
- अमरोहा में खाद वितरण में घोटाला मिला है।
- यहां साधन सहकारी समिति वालों ने ब्लैक में चंद किसानों को सैकड़ों बोरी खाद बेच दी।
- हरदोई में यूरिया के नाम पर कालाबाजारी चल रही है।
- बाराबंकी के जिलाधिकारी ने तो खुद अपनी जांच में पाया।
- कि कहीं दूकानदार ने अपने भूमिहीन बेटे और नौकर को खाद बेच दी।
- तो कहीं खाद न होने का बहाना बनाया जबकि उसकी दूकान के अंदर खाद की बोरियां भरी थी।
- ऐसे गड़बड़ी वाले 21 खाद विक्रेता चिह्नित किए गए हैं।
गोरखपुर में खाद घोटाला उजागर हुआ है
- मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में 23,252 क्विंटल खाद घोटाला उजागर हुआ है।
- फर्जी नामों पर खाद बिक्री के धंधे में 18 विक्रेताओं की सूची बनी है।
- जनपद उन्नाव में खाद न मिलने की शिकायत राज्य के सहकारिता मंत्री से की गई है ।
- और उनसे धान रोपाई हेतु शीघ्र यूरिया एवं डीएपी खाद की उपलब्धता कराने का आग्रह किया गया है।
बाजार में कालाबाजारियों ने तबाही मचा रखी है
सरकारी ढील का फायदा उठाकर बाजार में कालाबाजारियों ने तबाही मचा रखी है। सरकार द्वारा निर्धारित यूरिया खाद का दाम 266 रूपए है लेकिन दूकानदार 350 रूपए से लेकर 400 रूपए प्रति बोरी के हिसाब से बेच रहे हैं। घोटालेबाजों ने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना आधार कार्ड के खाद की बिक्री दिखा दी। फर्जी और काल्पनिक नामों का इस्तेमाल कर इनके फर्जी पहचान पत्र के नम्बर पीओएस मशीन में दर्ज कर अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक हजारों कुंतल खाद अवैध ढंग से बेच डाली।
- ऐसी भी शिकायते हैं कि कई स्थानों पर किसानों को खाद की बोरी के साथ कीटनाशक व रसायन जिंक आदि की खरीद के लिए भी बाध्य किया जाता है।
- खाद के थोक विक्रेता फुटकर दूकानदारों को अपनी शर्तों पर खाद बेच रहे हैं।
- इसमें कृषि विभाग के अफसरों की भी साठगांठ रहती है।
- कृषि विभाग न तो अवैध बिक्री पर रोक लगा रहा है और नहीं निर्धारित दर पर खाद बिकवा पा रहा है।
- किसानों में इससे भारी आक्रोश है।
- किसान अन्नदाता है भाजपा उसकी हितचिंता से बेपरवाह है।
- वह तो कारपोरेट की संरक्षक पार्टी है।
- किसानों की मौत पर भी उसकी संवेदना नहीं जागती है।
- कृषि अर्थव्यवस्था को भाजपा ने चैपट कर दिया है।
- अब किसानों ने अपनी आय दोगुना करने का झांसा देनेवालों से बदला लेने के लिए सन् 2022 ही निश्चित कर रखा है।
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