74th Independence Day- स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ध्वजा रोहण करते हुए शहीदों को किया याद…
74th Independence Day- स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ध्वजा रोहण करते हुए शहीदों को किया याद...
SP chief Akhilesh Yadav Independence Day:- लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय लखनऊ में राष्ट्रीयध्वज का ध्वजारोहण करते हुए सभी को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और उनके सुख-समृद्धि के साथ राष्ट्र के विकास एवं प्रगति की कामना की। समवेत स्वर में सभी ने राष्ट्रगान जन गण मन गाकर तिरंगे ध्वज का अभिवादन किया।
SP chief Akhilesh Yadav Independence Day :-
अखिलेश यादव ने अपने संदेश में शहीदों को याद किया जिनके बलिदान से आज हम स्वतंत्रता के वातावरण में सांस ले रहे हैं।
देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अनेक यातनाएं सहीं थी।
आज के दिन कामना कर रहे हैं देश की सुदृढ़ प्रतिरक्षा की, संविधान, सौहार्द, सद्भाव, अमनचैन, कारोबार, गरीब, बेबस किसान, श्रमिक, दलित, पिछड़ों, नारी और युवाओं के मान-सम्मान और सुरक्षा की। उ
न्होंने कहा आजादी तू आजाद रहे, फैसलों में इंसाफ रहे।
सपा प्रमुख ने कहा कि गांधी जी, आचार्य नरेन्द्र देव, लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा डॉ0 राममनोहर लोहिया और बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर और स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत की आजादी के साथ जो सपने देखे थे, उनके रास्ते पर चलते हुए उनके अधूरे कामों को पूरा करने का संकल्प लेना ही उनके प्रति हमारी श्रद्धा और कृतज्ञता का ज्ञापन होगा।
आज आत्मालोचन का भी दिन है…
अखिलेश यादव ने कहा कि आज आत्मालोचन का भी दिन है.
74 वर्षों में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले हम कहां तक पहुंचे है।
नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में कहां खड़े है?
सामाजिक न्याय की अवधारणा को साकार करने के लिए जब आबादी के हिसाब से जनसंख्या के आंकड़े आएंगे
तभी आनुपातिक अवसर की सुविधा सबको मिल सकेगी।
अखिलेश यादव ने कहा आज कोरोना संक्रमण और बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय है। श्रमिकों के बड़ी संख्या में विस्थापन से नई समस्याएं पैदा हुई हैं। सत्त्तारूढ़ दल का रवैया इस मानवीय त्रासदी में भी विद्वेषपूर्ण, अपमानजनक नहीं होना चाहिए।
लोकतंत्र की शक्तियों के समक्ष गम्भीर चुनौतियां है
- अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र की शक्तियों के समक्ष गम्भीर चुनौतियां है।
- राजनीति में शुचिता और समदर्शिता की जगह नफरत और बंटवारे को बढ़ावा नही दिया जाना चाहिए।
- देश को प्रगति और विकास के रास्ते पर ले जाना है.
- तो पूंजी और सत्ता की हिंसा से विलग समाजवाद का विकल्प ही अपनाना होगा।
- किसान, नौजवान, कमजोर वर्ग और शोषित की लड़ाई लड़कर ही हम समतामूलक समाज की नींव रख सकेंगे।
आज देश की सीमाओं पर संकट है…
- अखिलेश यादव ने कहा कि आज देश की सीमाओं पर संकट है, कृषि अर्थव्यवस्था दबाव में है,
- बेकारी बेलगाम है, छात्र वर्ग कुंठित है।
- बुनकर, दस्तकार, छोटा, मझोला किसान, व्यापारी कर्ज और निराशा में आत्महत्या करने को विवश है।
- ऐसे में स्वतंत्रता संग्राम के दिनों के मूल्यों और संविधान के मूलभूत आदर्शों को बचाने की लड़ाई भी हमें लड़नी होगी।
- आजादी व्यक्ति और राष्ट्र दोनों के लिए कीमती है।
- अशिक्षा, अंधविश्वास, बेकारी, बीमारी के विरूद्ध एकजुटता आवश्यक है।
- उन्होंने जनता का आह्वान किया कि राष्ट्र की प्रगति और उत्थान के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।
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