मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद ने मीडिया पर उठाए सवाल, कहा- सभी हदें पार कर दी…
मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद ने मीडिया पर उठाए सवाल, कहा- सभी हदें पार कर दी...
Majlis-e-Ulema-e-Hind questioned the media said crossed all limit:- मजलिस -ए- उलेमा-ए-हिंद ने मीडिया पर उठाए सवाल, कहा- सभी हदें पार कर दी…
Majlis-e-Ulema-e-Hind :-
लखनऊ. मजलिस -ए- उलेमा-ए-हिंद ने लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए बम विस्फोटों के बाद लेबनान की पार्टी हिजबुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरूल्लाह को मीडिया द्वारा आतंकवादी करार देने की कड़ी निंदा की और इस हरकत को एक जुर्म बताया।
उलेमा ने कहा कि यह एक अपराध है जिसके खिलाफ भारत सरकार और मीडिया की निगरानी करने वाली संस्थानों को कडी कार्रवाई करनी चाहिए।
उलेमा ने कहा कि हमारा राष्ट्रीय मीडिया संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल नवाजी में इस तरह की हरकतें कर रहा है,
जबकि पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ सैयद हसन नसरल्लाह की र्कुबानी और सेवाओं को जानती है,
लेकिन इस्तेमारी शक्तियों के डर ने उनकी जुबान पर ताला लगा दिया है।
भारतीय मीडिया द्वारा हिजबुल्लाह को बदनाम करना जुर्म
उन्होंने कहा कि बेरुत बम विस्फोट को भारतीय मीडिया ने लेबनानी सरकार और
वहॉ की खुफिया एजेंसियों के विपरीत हिजबुल्लाह को इसका जिम्मेदार बताया है,
यह जुर्म है और लेबनानी जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले है।
लेबनान सरकार ने एसा कोई बयान जारी नहीं किया है
जिसमें हिज्बुल्लाह पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया हो।
यह सरासर झूठ और निराधार खबर है जिसे भारतीय मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।
युवाओं को मीडिया की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए भारत सरकार और मीडिया की निगरानी करने वाली संस्थाओं को पत्र लिखना चाहिए।
बगदादी के साथ नसरल्लाह की तुलना एक अक्षम्य अपराध, मीडिया माफी मांगे
- मजलिसए उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कलबे जवाद नकवी ने टिप्पणी कि
- मीडिया को पता होना चाहिए कि नसरल्लाह एक लोकतांत्रिक देश में डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव हैं।
- यह पार्टी लोकतांत्रिक चुनावों में भाग लेती है
- संसद में इसके सदस्यों द्वारा जनता का प्रतिनिधित्व किया जाता है।
- औपनिवेशिक शक्तियों के इशारे पर ऐसी लोकतांत्रिक पार्टी को बदनाम करना
- एवं अमेरिका और इजरायल के दुष्ट प्रचार के तहत अबूबक्र बगदादी के साथ सैयद हसन नसरल्लाह की तुलना करना
- एक अक्षम्य अपराध है।
- मीडिया को सैयद हसन नसरल्लाह की सेवाओं और उसके निस्वार्थता कार्यों का अध्ययन करना चाहिए
- ताकि ऐसी गलती दोबारा न हो।
- हम यह भी मांग करते है कि इन झूठी और निराधार खबरों का खंडन किया जाए
- और माफीनामा जारी किया जाए।
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