रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा ऐलान, 101 से अधिक वस्तुओं के आयात पर लगेगा प्रतिबंध, देखें पूरी लिस्ट…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा ऐलान, 101 से अधिक वस्तुओं के आयात पर लगेगा प्रतिबंध, देखें पूरी लिस्ट…
Defense Minister Rajnath Singh नई दिल्ली। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत अभियान को तेज गति से पुश करने के लिए तैयार है। इसके लिए अब रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को गति देने के लिए रक्षा मंत्रालय 101 से अधिक वस्तुओं के पर आयात प्रतिबंध लगाएगा।
The Ministry of Defence is now ready for a big push to #AtmanirbharBharat initiative. MoD will introduce import embargo on 101 items beyond given timeline to boost indigenisation of defence production.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
उन्होंने आगे लिखा कि पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए पांच स्तंभों जिसमें अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग के आधार शामिल है। इन सभी पर भारत के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जिसका नाम ‘आत्मनिर्भर भारत’ है।
- इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं की एक लिस्ट तैयार की है।
- इसमें शामिल 101 वस्तुओं के आयात प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- यह कदम आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है।
Taking cue from that evocation, the Ministry of Defence has prepared a list of 101 items for which there would be an embargo on the import beyond the timeline indicated against them. This is a big step towards self-reliance in defence. #AtmanirbharBharat
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
रक्षा मंत्रालय का यह निर्णय भारतीय रक्षा उद्योग में खुद की प्रतिभा का प्रयोग कर खुद के हथियारों के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा। भारत के अंदर गोला-बारूद और अन्य उपकरणों के विनिर्माण एवं नवनिर्माण के लिए भारतीय उद्योग की वर्तमान तथा भविष्य की क्षमताओं का आकलन करने के लिए सशस्त्र बलों, सार्वजनिक और निजी उद्योग सहित सभी अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस गहन चर्चा के बाद ही रक्षा मंत्रालय द्वारा इस सूची को तैयार किया गया है।
Taking cue from that evocation, the Ministry of Defence has prepared a list of 101 items for which there would be an embargo on the import beyond the timeline indicated against them. This is a big step towards self-reliance in defence. #AtmanirbharBharat
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
रक्षा मंत्री ने आगे लिखा कि साल 2015 अप्रैल से 2020 अगस्त के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर ऐसी विभिन्न सेवाओं की लगभग 260 योजनाओं को त्रि-सेवाओं द्वारा अनुबंधित किया गया था। अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल के अंदर लगभग 4 रुपये के अनुबंध घरेलू उद्योग पर रखे जाएंगे। बताते चलें कि लगभग 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये की वस्तुएं वायु सेना और सेना के लिए अनुमानित हैं। नौसेना के लिए लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की वस्तुओं का अनुमान लगाया गया है।
Almost 260 schemes of such items were contracted by the Tri-Services at an approximate cost of Rs 3.5 lakh crore between April 2015 and August 2020. It is estimated that contracts worth almost Rs 4 lakh crore will be placed upon the domestic industry within the next 6 to 7 years.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
Defense Minister Rajnath Singh : प्रतिबंध (एम्बार्गों) के आयात को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है। हमारा उद्देश्य भारतीय रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों की जरूरतों के विषय में जानकारी देना है ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो जाएं। उन्होंने आग लिखा कि इस महत्वपूर्ण दिशा में आवश्यक कदमों की भागेदारी को सुनिश्चित करने के लिए निगेटिव इंपोर्ट सूची के अनुसार उपकरणों की समय सीमा पूरी की जाएगी। इसके लिए रक्षा सेवाओं द्वारा उद्योग को चलाने के लिए एक समन्वित तंत्र शामिल होगा।
Of these, items worth almost Rs 1,30,000 crore each are anticipated for the Army and the Air Force while items worth almost Rs 1,40,000 crore are anticipated by the Navy over the same period. #AtmanirbharBharat
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
आयात के लिए इस तरह के अन्य उपकरणों को सभी हितधारकों के परामर्श से डीएमए द्वारा स्तयापित किया जाएगा। इतना ही नहीं इसका एक नोट भी डीएपी में तैयार किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची की कोई भी वस्तु भविष्य में आयात के लिए आगे ना बढ़े। बताते चले कि रक्षा मंत्रालय ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार से हथियारों को खरीदने के लिए बनाए गए 2020-21 के बजट में भी बदलाव किया गया है। चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52 हजार करोड़ रुपये के साथ एक अलग बजट तैयार गया है।
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