समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा….
Samajwadi Party National President and former Chief Minister Mr. Akhilesh Yadav has said: – कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के हालात बेकाबू। होने से ‘नो टेस्ट नो केस‘ का रास्ता अख्तयार कर लिया गया है।
- राज्य सरकार बीमारी से निबटने में असहाय और अक्षम साबित हो रही है।प्रदेश में कोविड मरीज 44,563 हैं और 1981 मौते हो चुकी है।
- वर्तमान मुख्यमंत्री जी का निष्फल कार्यकाल इसी बात में बीत रहा है.कि वे समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों का ही फीता काटते रहे।
- भाजपा सरकारें केन्द्र की हों या राज्य की दावों के सहारे ही अपने दिन काट रही हैं.उत्तर प्रदेश में कोरोना का शिकार बनने वालों की सूची में अधिकारियों।
पुलिस कर्मियों, नगरपालिका, बैंक, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं न्यायकर्मियों का लगातार बढ़ना बेहद चिंताजनक है।
शुक्रवार को 707 केस राजधानी लखनऊ में मिले।
- मरीजों को न समय से इलाज मिल रहा है।
- और नहीं दवाइयां। प्रशासनिक विफलता के चलते कोरोना में और ज्यादा मौते हो सकती है।
- नोएडा में समाजवादी सरकार के कार्यकाल में 400 बेड के अस्पताल की आधारशिला रखी गई थी।
- मुख्यमंत्री जी उसी अस्पताल में फीता काटने की रस्म अदायगी करते है।
- इस अस्पताल में अब कोविड-19 के मरीजों का इलाज होगा।
- सोती सरकार जागकर सुनिश्चित करे कि कोरोना टेस्ट रिपोर्टे शीघ्र व सही आएं.जिससे लोग रिपोर्ट पर विश्वास कर सकें और अपने लोगों को न खोंए। दुःखद घटना है।
लखनऊ में आते ही पाॅजिटिव हुआ और उसकी मृत्यु हो गई
- कि शाहजहांपुर का पुलिस अधिकारी तीन बार निगेटिव के बाद.लखनऊ में आते ही पाॅजिटिव हुआ और उसकी मृत्यु हो गई।
- एक शिक्षिका भी बिना इलाज मर गई। वाराणसी में पत्रकार राकेश चतुर्वेदी की मौत हो गई.लखनऊ शहर में शुक्रवार को 5 मौंते हुई। इटावा में बैंक मैनेजर और आगरा में पूरा परिवार पाॅजिटिव पाया गया।
- प्रतापगढ़ के पट्टी में भाजपा का दमनकारी चेहरा सामने आया है।
- कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद करने वाले।
- आम नागरिकों और समाजवादियों के खिलाफ मंत्री के इशारे पर फायरिंग का झूठा केस दर्ज किया गया है।
- जबकि सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ाने वाले भाजपा नेताओं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
कोरोना पीड़ित मरीजों की जिंदगी भी खतरे में है
- प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में घोर अव्यवस्थाएं हैं।क्वारंटीन सेंटरों में गंदगी के चलते मरीज की बीमारी बढ़ जाना स्वाभाविक है।
- वहां समय से न डाक्टरी सुविधाएं मिलती है।
- और नहीं वहां पौष्टिक भोजन उपलब्ध होता है,जो कोरोना पीड़ित नहीं है, ऐसे मरीजों की जिंदगी भी खतरे में है।
- अस्पतालों में उनको समय से इलाज नहीं मिल रहा है.
- सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राईवेट अस्पतालों में भी मरीजों को भटकना पड़ता है।
- कई अस्पतालों में दौड़ के दौरान लोगों की मौंते हो चुकी हैं.मेडिकल काॅलेज में स्क्रीनिंग के बगैर किसी की भर्ती नहीं होती है।
- अन्य अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं भी चरमराई हुई हैं।
भाजपा सरकार प्रशासन चलाने में पूर्णतया विफल
- उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार प्रशासन चलाने में पूर्णतया विफल नज़र आ रही है.
- कोरोना जैसी बीमारी से निबटने की क्षमता भी वह खो चुकी है।प्रशासनिक व्यवस्थाएं पंगु है।
- सरकार बयानों से ही बीमारियों का इलाज करने का चमत्कार कर रही है।
- काम के मामले में लगता ही नहीं कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था सक्रिय है अथवा नहीं।
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