वेज-नॉनवेजिटेरिअन नहीं यह भोजन है हिन्दुतेरियन, जिसे प्रसाद माना गया है

आप ने वेजिटेरिअन खाने के बारे में तो सुना ही होता, और इस बात में भी कोई शक नहीं है की आप ने नॉन-वेजिटरियन खाने के बारे में भी ज़रूर सुना होगा, लेकिन आज हम आप को ऐसे भोजन के बारे में बताने जा रहे है जिसको हिन्दू धर्म में प्रसाद माना जाता है, इस लिए आप इसको हिन्दुतेरियन भोजन बोल सकते है.

हिन्दू धर्म और हमारे शास्त्रो के अनुसार इन भोजन को देवी देवताओ का प्रिय माना जाता है, इस लिए हम इन भोजनों को प्रसाद मान के पूजा पाठ में भगवान को भोग लगाने के बाद  ग्रहन करते है।

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चलिए जानते है यह भोजन आखिर है कौन से ?

  • मालपुआ : अपूप वैसे तो एक औषधि का नाम है, लेकिन मालपुए को भी ‘अपूप’ कहते हैं, ‘अपूप’ भारत की सबसे प्राचीन मिठाई है जिसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है, ऋग्वेद में घृतवंत अपूपों का वर्णन है, पाणिनी के काल में पूरनभरे अपूप ब्‍याह-बारात, तीज-त्‍योहार पर खूब बनाए जाते थे, आज भी इसका प्रचलन है, जहां तक सवाल हलवे का है तो पहले इसे ‘संयाव’ कहा जाता था, मालपुए अक्सर होली और दीपावली के दिन बनाए जाते हैं, माता दुर्गा को मालपुए बहुत पंसद है।
  • केसर भात : इसे केसरिया भात, अच्छी प्रकार बनाई गई केसर भात बहुत ही स्वादिष्ट और मन को भाने वाली होती है, केसरिया भात को बनाने के लिए बासमती चावल, केसर और सूखे मेवे आदि की आवश्यकता होती है,अक्सर माता लक्ष्मी को केसर भात का भोग लगाया जाता है।
  • मीठी बूंदी : बेसन, कश्कर, इलाइची और घी का इस्तेमाल करके मीठी बूंदी बनाई जाती है, एक दूसरी नमकीन, चर्की और फीकी बूंदी भी होती है जो रायते में डाली जाती है।
  • रोट या रोठ : ऐसी मान्यता है कि अगर हनुमानजी को मंगलवार के दिन रोट या मीठा रोटी का भोग लगाया जाता है तो मनवांछित फल मिलता है, गेहूं के आटे में गुड़, इलायची, नारियल का बूरा, घी, दूध आदि मिलाकर रोट बनाया जाता है। कुछ जगह इसे सेंककर रोटी जैसा बनाकर भोग लगाते हैं और कुछ जगह इसे पूरियों की तरह तलकर इसका भोग लगाते हैं, यह रोट हनुमानजी को बहुत प्रिय है। रोट या रोठ कुल देवता या देव की पूजा में भी उपयोग किया जाता है.
  • साग, कढ़ी और पूरी : पूरी और कढ़ी के बारे में सभी जानते हैं अब सवाल उठता है कि कौन-सी साग का भोग लगाया जाता है या कौन-सी साग लोगों को पसंद है।

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