संजीत यादव हत्याकांड- शव नहीं मिला तो इतने सालों तक संजीत की मौत साबित नहीं हो पाएगी…

Sanjit Yadav massacre:– कानपुर. संजीत यादव का शव बरामद नहीं हुआ तो सात वर्षों तक उसकी मौत साबित नहीं हो पाएगी।

Sanjit Yadav massacre:-

परिजनों के पास इस बात का कोई सुबूत नहीं होगा कि उसकी मौत हो चुकी है। पुलिस भी सिर्फ दावा ही कर सकती है।

इसके लिए अंतिम संस्कार का सुबूत जरूरी है।

  • मौत का सुबूत स्थानीय निकायों जैसे नगर निगम से जारी किया जाने वाला डेथ सर्टिफेकेट ही है जो देश भर में मान्य है।
  • इसके लिए अंतिम संस्कार का सुबूत जरूरी है।

घाट या श्मशान की रसीद आवश्यक है।

  • घाट या श्मशान की रसीद आवश्यक है।
  • नगर निगम के नियमों के मुताबिक वैसे तो किसी की मौत पर चिकित्सक का भी प्रमाण पत्र चाहिए.
  • मगर घर पर मौत हुई तो पड़ोसियों की शिनाख्त (बयान) आवश्यक है

संजीत यादव के केस में भी यही नियम लागू होगा।

  • डॉ. अजय शंखवार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए शव होना.
  • अंतिम संस्कार का प्रमाण होना जरूरी है।
  • अगर शव नहीं मिलता है तो नियमत: सात वर्ष के बाद मौत मान ली जाती है।
  • हालांकि इसके लिए भी कोर्ट से ऑर्डर जारी होता है।
  • वहीं की घोषणा के आधार पर सर्टिफिकेट बनाया जाता है।
  • संजीत यादव के केस में भी यही नियम लागू होगा।

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