यूपी : भगवा वाले रामराज्य में ये कैसा जंगलराज ?

यूपी : भगवा वाले रामराज्य में ये कैसा जंगलराज ?

Criminal cases are increasing : 2017 में उस दौर को याद कीजिये जब प्रदेश में जंगलराज की दुहाई देकर बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार आयी थी। भारतीय जनता पार्टी यूं तो करीब 14 वर्षों तक सत्ता से दूर रही थी, इन करीब 14 वर्षों के अंतराल में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों ने प्रदेश में शासन चलाया और इस वर्षों में बीजेपी हमेशा से कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर सड़क पर उतरती थी, विरोध प्रदर्शन करती थी।

2017 के पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की सरकार थी। तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी पूरे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर बीजेपी का झंडा बुलंद करते थे। बीजेपी हर बात में यही कहती थी कि “उत्तर प्रदेश में जंगलराज” व्याप्त है।

खैर, अब वापस चले आते हैं 2017 के दौर में, मौजूदा उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ये एलान करते हैं कि

‘या तो अपराधी सुधर जाएँ या उत्तर प्रदेश छोड़ दें’….
तब ऐसा लगा मानो गुंडों, माफियाओं,बाहुबलियों, अपराधियों सबको अब फाइनल अल्टीमेटम दिया जा रहा है।
अब तो वाकई रामराज्य आ जायेगा।
लेकिन नतीजा सिफर….!!!!

बहुत पीछे न जाएं क्योंकि इतिहास हमेशा कड़वी बातें लेकर बैठा होता है, आज के मौजूदा परिदृश्य की बात कर लेते हैं…

Criminal cases are increasing बात मौजूदा जुलाई की, उत्तर प्रदेश में मौजूद “थोथे रामराज्य” के उदाहरण देखिये।
  • विकास दूबे कांड- जुलाई महीने की शुरुआत ही उत्तर प्रदेश सरकार, उत्तर प्रदेश पुलिस, मौजूदा भ्रष्ट व्यवस्था,अपराधी पुलिसिया गठजोड़ सबकी कहानी कहते हुए हुई।
  • इसके परिणाम स्वरूप 2,3 जुलाई को कानपुर में हुई 8 पुलिस वालों की नृशंस हत्या.
  • फिर लुका छिपी का खेल खेलते हुए कुख्यात विकास दूबे का यूपी छोड़ मध्यप्रदेश में पकड़े जाना.
  • फिर उत्तर प्रदेश की सीमा में कानपुर में एक “बड़ी मुठभेड़” में विकास दूबे का मारा जाना।
  • ये पूरा मामला और इसकी बुनी कथानक किसी सी ग्रेड मसाला फिल्मों की चुराई स्क्रिप्ट जैसा है.
  • जिसके झोलमझोल कहानियों की वजह के नतीजतन मामला सुप्रीमकोर्ट में पहुंच गया/
  • फर्जी मुठभेड़ की कहानियों को पर्दाफाश करने के लिए सुप्रीमकोर्ट ने इस पूरे प्रकरण पर जांच करने के लिए रिटायर्ड जज,और रिटायर्ड डीजीपी को नियुक्त कर दिया है।
  • इस पूरे प्रकरण में जो भी कहानियां आईं हैं या आ रही हैं.
  • उसमे ब्यूरोक्रेसी, सत्ता, माननीयों और “बिक चुकी पुलिस” के गठजोड़ की बेहद शर्मनाक तस्वीर दिखाई दी है।
तो ये तो रामराज्य की तस्वीर नही है।

प्रयागराज सामूहिक हत्याकाण्ड- दिनांक 3 जुलाई 2020 के आधी रात में थाना होलागढ़ क्षेत्र के ग्राम सुकुल का पूरा बरई हरकपूर में डॉक्टर विमलेश पांडे उर्फ ललन पांडे व उनके परिवारजनों सहित चार लोगों की सामूहिक बड़ी ही निर्दयता से हत्या कर दी गई थी| हत्या कर लूटपाट को अंजाम दिया था हत्यारों ने, इस सामूहिक हत्याकांड में विमलेश की पत्नी रचना पांडे बुरी तरह घायल हो गई थी।

तथाकथित रामराज्य में नरसंहार! क्या ऐसा होता है रामराज्य!

कासगंज- गैंगरेप पीड़ित और उसकी मां की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या-15 जुलाई- 

  • उत्तर प्रदेश में कासगंज जिले के अमांपुर थाना क्षेत्र में मां-बेटी की बाजार से लौटते समय ट्रैक्टर से कुचलकर मौत हो गई थी।
  • मृतक के परिजनों ने गांव के दो भाइयों पर रंजिशन ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या करने का आरोप लगाया था।
  • आरोपी यशवीर पर चार साल पहले मृतक बेटी के अपहरण व उसके साथ रेप करने का आरोप लगा था।
  • उस प्रकरण में आरोपी जेल गया था, हाल ही में वह जमानत पर छूटा था।
रामराज्य में महिला अस्मिता और महिला अपराध नही होता,लिहाजा ये तस्वीर रामराज्य की नही है।

लखनऊ लोकभवन-विधानसभा के सामने आत्मदाह,एक की जलकर मौत- 17 जुलाई-

  • जमीनी विवाद में न्याय न मिलने से परेशान होकर एक मां बेटी ने लोकभवन के सामने खुद को आग लगा ली थी।
  • जिसमें मां 90% से अधिक और बेटी करीब 10% जल गई थी।
  • अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली सोफिया (56) ने अपनी बेटी गुड़िया (28) ने 17 जुलाई शुक्रवार शाम को लोक भवन के सामने मिट‌टी का तेल छिड़क कर आग ली।
  • सोफिया आग की लपटों से घिरी सड़क पर दौड़ती रही।
  • किसी तरह वहां मौजूद लोगों की मदद से पुलिस ने आग बुझाई और दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।
  • जहां बुधवार सुबह सोफिया की मौत हो गई ।
न्याय वाले रामराज्य में ऐसा नही होता।

गाज़ियाबाद- छेड़खानी के विरोध में पत्रकार की गोली मारकर हत्या- – 20 जुलाई-

  • राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में बदमाशों के हमले में घायल हुए पत्रकार विक्रम जोशी की मंगलवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई।
  • बीते सोमवार 20 जुलाई की रात बदमाशों ने उनके सिर में गोली मार दी थी।
  • गोली मारने से पहले बदमाशों ने पत्रकार को बुरी तरह पीटा भी था।
वारदात के वक्त बाइक पर पत्रकार की दो बेटियां भी बैठी थीं।
  • परिजनों ने बताया कि हाल ही में आरोपियों ने पत्रकार के रिश्ते की भांजी के साथ छेड़छाड़ की थी।
  • पत्रकार द्वारा इस मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस में पैरवी किए जाने के चलते आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने दबिश तेज कर दी थी।
  • इस बात से नाराज आरोपियों ने पत्रकार पर जानलेवा हमला किया।
  • घटना के वक्त विक्रम जोशी अपनी बहन के घर से स्कूटी पर सवार होकर अपने घर लौट रहे थे।
ये भी रामराज्य की तस्वीर नही है।
  • याद करें तो पूर्ववर्ती सरकार पर यही मौजूदा बीजेपी “जंगलराज” का आरोप लगाती थी।
  • मीडिया का एक बहुत बड़ा तबका टीवी चैनलों की स्क्रीन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ कैप्शन में “जंगलराज” लगा कर सवाल पूछते थे.
  • आज वही मीडिया रीढ़विहीन होकर ये सवाल पूछने की हिम्मत नही जुटा पाता कि

“योगी जी कहां है रामराज्य?

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