सपा के संगठनात्मक ढांचे की ओवर हालिंग शुरू ,केंद्रीकृत मॉनिटरिंग की तैयारी

2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने में अभी दो साल बचे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अभी से 351 सीटों  से ज्यादा  की जीत के साथ सरकार बनाने का लक्ष्य दिया हैं। हालांकि, इस दावे को जमीन पर उतारने के लिए अपने सेनापतियों को जुटाने में पार्टी पूरी तरह तैयार है ।


अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब  प्रदर्शन के बाद पूरी प्रदेश कार्यकारिणी, युवा संगठन, महिला सभा, छात्र इकाई से लेकर जिला टीमों तक को भंग कर दिया था। 23 अगस्त को लिए गए इस फैसले में केवल प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नरेश उत्तम को बरकरार रखा गया था। तब से पार्टी को एक मुकम्मल टीम का इंतजार है।जो की सपा पार्टी को 351 सीटों  से ज्यादा  की जीत दिलाने में कामयाब होगी।

जिला व युवा संगठनों पर काम, कोर टीम पर कयास

पार्टी ने फिलहाल जिला और युवा संगठनों पर काम शुरू किया है। अब तक 45 से अधिक जिलों के अध्यक्ष घोषित किए जा चुके हैं। कई जिलों में तो जातीय और सामाजिक समीकरण साधने के लिए प्रदेश स्तर से ही अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष व महासचिव सहित अन्य पदाधिकारी भी घोषित कर दिए गए हैं। पार्टी की यूथ विंग के भी मुख्य चेहरे तय किए जा चुके हैं। युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं। सूत्रों की मानें तो समाजवादी छात्रसभा के अध्यक्ष की कमान दिग्विजय सिंह देव  की मेहनत ,लगन और प्रदेश के छात्रों के बीच अच्छी मजबूती को देखते हुए छात्रसभा के अध्यक्ष की कमान फिर दी जा सकती  है। हालांकि, प्रदेश की कोर टीम पर अभी मंथन ही चल रहा है।

बता दे ,समाजवादी पार्टी  के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, “45 से अधिक जिलों के अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं। बूथ समितियों का गठन चल रहा है। पार्टी से बड़े पैमाने पर ऊर्जावान व प्रभावी चेहरे जुड़ रहे हैं। उनका उपयोग कर प्रदेश को कुशासन से मुक्त कराने का लक्ष्य है। जल्द प्रदेश टीम भी घोषित की जाएगी।”

नामदार से ज्यादा असरदार चेहरों की तलाश

वही समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हमारा ध्यान बूथ और जिला समितियों पर है। इस कड़ी में कई अच्छे और प्रभावी चेहरे भी पार्टी से जुड़ रहे हैं। दूसरे दलों से भी जनाधार वाले नेता लगातार पार्टी से जुड़ रहे हैं। अगर आपके पास स्थानीय स्तर पर वोट जोड़ने, वोटरों को बूथ तक ले जाने वाले चेहरे होंगे तो चुनाव जीतना आसान होगा। इसलिए, पार्टी का ध्यान ‘मुखौटों’ की जगह असरदार चेहरों पर हैं।पार्टी पिछली कुछ गलतियों की वजह से नुकसान उठा चुकी थी । इस बार प्रदेश टीम में नए चेहरों को जगह देने के साथ दूसरे दलों से आए प्रभावी लोगों को भी कोर टीम का हिस्सा बनाया जाएगा।बता दे ,समाजवादी पार्टी में बूथ लेवल की मॉनिटरिंग राजधानी लखनऊ से की जायेगी।

 

 

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