इंसानियत शर्मशार :मासूम बेटे का शव लेकर एम्बुलेंस के भटकता रहा पिता- जाने क्या है पूरा मामला?

आप सोचने को मजबूर हो जायेंगे कि आखिर सरकारी अस्पताल के डाक्टर और कर्मचारी कितने पत्थर दिल होते है,जो रिश्वत के चंद रुपयों की खातिर इंसानियत का गला घोट देते है ।

कौशाम्बी : यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है | जिसमे पहले सरकारी डाक्टरों की लापरवाही से मासूम की जान चली गई और फिर उसकी लाश को घर तक ले जाने के लिए मासूम के पिता अपने बेटे का शव गोद में लेकर एम्बुलेंस के लिए भटकता रहा। घंटो इंतजार करने के बाद जब मीडिया ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो उसे शव वाहन उपलब्ध कराया गया। वहीं इस मामले में जिले के कोई भी जिम्मेदार मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे है।

इंसानियत का गला घोटने की आई तस्वीर

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के होम डिस्ट्रिक्ट की यह तस्वीर आपको सोचने को मजबूर कर देगी | तस्वीर में एक पिता अपने मासूम बेटे के शव को लेकर इधर-उधर भटक रहा है। वह उसे जिला अस्पताल से अपने घर लेकर जाना चाहता है । यूपी में अब तक इस तरह की तस्वीर सपा के शासन काल में दिखाई पड़ती थी । लेकिन कौशाम्बी के जिला मुख्यालय में यह तश्वीर बीजेपी शासन काल में भी सामने आई है | आइये अब हम आपको इस तस्वीर का पूरा सच आपने सामने लाते है. जानकर आप सोचने को मजबूर हो जायेंगे कि आखिर सरकारी अस्पताल के डाक्टर और कर्मचारी कितने पत्थर दिल होते है,जो रिश्वत के चंद रुपयों की खातिर इंसानियत का गला घोट देते है ।

ऑपरेशन करने के लिए पैसों की डिमांड

इंसानियत को शर्मशार करने वाला यह वीडियो कौशाम्बी के जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल का है | जहाँ रामलाल नाम के एक शख्स को अपने मासूम बेटे के शव को ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। दरअसल तीन दिन पहले चित्रकूट जनपद के रैपुरा थाना क्षेत्र के करौंधि कला गांव के रहने वाले रामलाल के पांच वर्षीय पुत्र दीपांशु को सीने में फोड़ा होने की वजह से जिला अस्पताल कौशाम्बी में भर्ती कराया था। जहां पहले तो डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन करने के लिए पैसों की डिमांड किया। रामलाल का आरोप है कि जब उसने जिला अस्पताल के डॉक्टरों को 3000 रुपये दिए तो 15 जुलाई को उसके बेटे का ऑपरेशन किया गया।

मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर एम्बुलेंस के लिए भटकता रहा पिता

ऑपरेशन के बाद जब शनिवार की सुबह मासूम दीपांशु की पट्टी चेंज करने के लिए ऑपरेशन रूम में लेकर गए तो वहां उसकी हालत बिगड़ गई। कुछ देर बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे और परिजनों को बाहर कर इलाज शुरू किया लेकिन तब तक दीपांशु ने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने दीपांशु को मृत घोषित करने के बाद उसे लावारिस छोड़ दिया। पिता रामलाल अपने मासूम बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग करने लगा। कुछ लोगों ने एंबुलेंस के लिए पैसे दिए जाने की बात कही। इस दौरान पिता रामलाल अपने मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर एक एंबुलेंस से दूसरे एंबुलेंस तक भटकता रहा। काफी देर तक एम्बुलेंस नहीं मिलने पर इस मामले की जानकारी मीडिया को लगी।

मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से किया साफ इनकार

जिला अस्पताल में मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर भटकते पिता का वीडियो जब जिला अस्पताल में मौजूद मीडियाकर्मियों ने बनाना शुरू किया तो जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने पीड़ित पिता को मीडिया के हस्तक्षेप के बाद शव वाहन उपलब्ध कराया। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला इस मामले के बारे में जब जिला अस्पताल के सीएमएस दीपक सेठ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया। वहीं सीएमओ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी नहीं है मीडिया द्वारा यह पूरा मामला संज्ञान में आया है इस मामले में सीएमएस दीपक सेठ से रिपोर्ट तलब कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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