बांदा : एसटीएफ जवानों के हत्याकांड मामले में 13 मुल्जिमों को आजीवन कारावास
बांदा में गुरुवार को विशेष डकैती कोर्ट ने 15 साल से चल रहे एसटीएफ के जघन्य सामूहिक हत्याकांड मामले में 13 मुल्जिमों को आजीवन कारावास व आर्थिक दंड की सजा सुनाई है.
बांदा में गुरुवार को विशेष डकैती कोर्ट ने 15 साल से चल रहे एसटीएफ के जघन्य सामूहिक हत्याकांड मामले में 13 मुल्जिमों को आजीवन कारावास व आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. 22 जुलाई 2007 को फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलन गांव के जंगल में दस्यु अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग द्वारा मुठभेड़ से लौट रहे एसटीएफ जवानों की गाड़ियों में अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं थी. जिसमें 7 एसटीएफ के जवानों की मौत हो गयी थी. वहीं 8 जवान घायल भी हुए थे.
22 जुलाई 2002 को हुई थी बड़ी वारदात
आपको बता दें कि घटना 22 जुलाई 2007 की है जब चित्रकूट में डकैतों का बड़ा आतंक था. आईपीएस अमिताभ यस अपनी एसटीएफ टीम के साथ चित्रकूट के जंगलों में डेरा डाले हुए थे. और डकैतों के सफाया के लिए मिशन छेड रखा था. इस दौरान एसटीएफ और डकैतों के बीच कई बार मुठभेड़ भी हुई थी. पाठा के कुख्यात डकैत शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ को एसटीएफ टीम द्वारा एनकाउंटर में मार गिराया गया था. उसके बाद लगातार ही डकैतों के सफाये के लिए एसटीएफ की टीम काम कर रही थी. इसी दौरान मैयादीन पटेल डकैत जो कि ठोकिया गैंग का सक्रिय सदस्य था. जिसका एनकाउंटर कर एसटीएफ की टीम लौट रही थी
उसी दौरान घात लगाकर बैठे कुख्यात डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग द्वारा रात 10 बजे जंगल में घेरकर फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलन गांव के पास गाड़ियों में बैठे एसटीएफ जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी थी. जिससे गाड़ी में बैठे 7 एसटीएफ के जवानों की मौत हो गयी थी. वही इस घटना में 8 जवान गोली लगने से घायल हो गये थे.
7 महीने तक पुलिस द्वारा सर्चिंग अभियान चलाया गया जिसके बाद 16 लोगों को चिन्हित किया गया. जिनको वारदात का मुख्य आरोपी पाया गया था. सभी हत्यारोपी डकैतों में 2 नाबालिग और 14 अन्य लोगों को चिन्हित किया गया जिसमें डकैत अंबिका पटेल की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है. वहीं दो नाबालिगों का केस चित्रकूट में चल रहा है. वही 13 मुल्जिमों को गुरुवार को 15 साल बाद विशेष डकैती न्यायालय बांदा में आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है.
15 साल तक मुल्जिमों को कभी नहीं मिली जमानत
आपको बता दें कि गैंग का सरगना दस्यु अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया जो कि साढ़े 6 लाख रुपये का इनामी था उसको पहले ही पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. वहीं बुंदेलखंड के पाठा क्षेत्र में आज भी इस जघन्य हत्याकांड की चर्चाएं होती हैं. आपको यह भी बता दें कि वारदात के बाद से गिरफ्तार सभी 13 आरोपी जिन को गुरुवार को सजा हुई है इन्हें न्यायालय द्वारा कभी भी जमानत नहीं मिली.
अधिवक्ता को पूर्व में धमकी भी मिल चुकी है
इस मामले को लेकर शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि इस केस से मैं हट जाऊं इसको लेकर मुझे एक बांदा के नरैनी इलाके के रहने वाले अनीश नाम के व्यक्ति के द्वारा पूर्व में धमकियां भी दी गई थी कि वह मुझे और मेरे परिवार को जान माल का नुकसान पहुंचा देगा. बावजूद उसके मैंने इस केस में पैरवी करी. और उसके खिलाफ भी न्यायालय में वाद दर्ज कराया जो काफी समय तक चला. इसके बाद अनीश हाई कोर्ट से मामले मे स्टे ले आया था.
इन धाराओं के आधार पर हुई आजीवन कारावास की सजा
मामले से जुड़े 13 मुल्जिमों को धारा 147, 148, 149, 302, 307 व 11/12 डकैती एक्ट के तहत आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा हुई है.
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