यूपी : विधुत विभाग का बड़ा घोटाला आया सामने विभागीय अधिकारी लीपापोती में जुटे

उच्चाधिकारियों से की तो विभाग ने अपना पल्ला झाड़ते हुए एसडीओ ललितेश यादव व जेई रोहित यादव को सस्पेंड करने के बजाए स्थानांतरण करके उन्हें नई तैनाती दे दी गई

अलीगढ़ : अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला विधुत विभाग अब घोटालों के नाम से अपनी पहचान बनाता नजर आ रहा है विधुत विभाग के कर्मचारियों के द्वारा हर रोज तमाम तरह के घोटाले किए जाते हैं कभी लाइन डालने को लेकर हेराफेरी की जाती है तो कई बार विधुत कर्मचारियों के द्वारा बिल कम करने की एवज में विधुत उप भोक्ताओं की जेब को ढीला करने का काम किया जाता है.

अगर आला अधिकारियों की बात कही जाए तो आला अधिकारियों के द्वारा हर रोज लीपापोती करके विभागीय अधिकारियों को बचाने का काम किया जाता है जब मामला सबसे ऊपर चढ़ता निकाल देता है तो आला अधिकारियों के द्वारा अधीनस्थों को छोटी मोटी कार्यवाही कर मामले को दबाने का काम किया जाता है ठीक है ऐसा ही मामला अलीगढ़ में देखने को मिला है

सस्पेंड करने के बजाए स्थानांतरण करके उन्हें नई तैनाती दे दी गई

दरअसल पूरा मामला जिला अलीगढ़ का है जहां बिजली विभाग के नए-नए कारनामे आमतौर से देखे जा सकते हैं, वही अलीगढ़ के अंदर 2 नए मामले सामने आने के बाद बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, आपको बता दें कि धनीपुर ब्लॉक के अंदर अधिकारियों की सांठगांठ के बाद 1.4 किलोमीटर की लंबी लाइन अवैध रूप से डाल दी गई जब शिकायतकर्ता ने इस सब की शिकायत उच्चाधिकारियों से की तो विभाग ने अपना पल्ला झाड़ते हुए एसडीओ ललितेश यादव व जेई रोहित यादव को सस्पेंड करने के बजाए स्थानांतरण करके उन्हें नई तैनाती दे दी गई , वही दूसरा मामला 50 लाख से संबंधित विभाग को राजस्व हानि पहुंचाने का है.

इन अधिकारियों के खिलाफ कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं

जिसमें विभाग के अधिकारी की फर्जी आईडी बनाकर विभाग के ही अधिकारियों ने सांठगांठ करके विभाग के साथ घोटाला कर दिया , जबकि पीड़ित बिजली कर्मचारी मनोहर सिंह 3 सालों से पैरालाइसिस का शिकार है और वह अपने बिस्तर पर है लेकिन बावजूद इसके विभाग ने उनकी फर्जी आईडी बनाकर उपभोक्ताओं से पैसे वसूल लिए और वह पैसा विभाग में जमा नहीं कराया गया, इस शिकायत में भी एसडीओ ललितेश यादव, जेई रोहित यादव मुख्य कैशियर व अन्य कर्मचारी इस साठगांठ में शामिल है लेकिन विभाग ने इस मामले में अभी इन अधिकारियों के खिलाफ कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं की इससे साफ माना जा रहा है कि विभाग के उच्चाधिकारी भी सबकुछ जानबूझकर मामले में पल्ला झाड़ रहे हैं इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद भी आखिर उच्चाधिकारी क्यों शांत बैठे हुए हैं यह तो ऊपर वाला ही जाने

रिपोर्ट- ख़ालिक़ अंसारी अलीगढ़

Related Articles

Back to top button