यूपी : मृत बच्ची के माता पिता को नही मिली एंबुलेंस ठेले पर ले गए शव

अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य विभाग की सेवा में लगे एंबुलेंस उस गरीब तक क्यों नहीं पहुंच सके और उसे जिला अस्पताल से एंबुलेंस द्वारा घर क्यों नहीं भेजा गया।

 एक तरफ जहां प्रदेश योगी सरकार गरीबों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निशुल्क सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश कर रही है तो वही जनपद में इसका ठीक उलटा असर दिखाई पड़ रहा है। ताजा मामला अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय का है।जहां एक दिल दहला देने वाला मंजर देखने को मिला एक मजबूर माँ अपनी मासूम गुड़िया जैसी बच्ची को गंभीर अवस्था में आनन फानन ठेले पर लादकर जिला अस्पताल पहुची जहाँ चिकित्सक द्वारा इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गयी। करुणा विलाप करती हुई मृत बच्ची के माता पिता उसी ठेले पर पुनः शव लादकर अपने घर को निकल गए। बड़ा सवाल ये उठता है जिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य विभाग की सेवा में लगे एंबुलेंस उस गरीब तक क्यों नहीं पहुंच सके और उसे जिला अस्पताल से एंबुलेंस द्वारा घर क्यों नहीं भेजा गया।

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लाइनबाजार थाना क्षेत्र के मातापुर निवासी रेखा देवी पत्नी सुरेश कुमार पटेल कड़ी धूप अपने कलेजे के टुकड़े सात माह की मासूम बच्ची नीतू को सांस की परेशानी के कारण गंभीर अवस्था में इलाज हेतु अपने पति सुरेश के ठेले पर लादकर पहुँची अस्पताल जहाँ उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए चिकित्सक द्वारा उक्त बच्ची का किया गया प्राथमिक उपचार जिसके बाद उक्त बच्ची की गंभीर हालत देखते हुए चिकित्सक द्वारा उसे वाराणसी रेफर करते तब तक मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया।बच्ची की मौत के बाद बदहवास माँ बाप अपनी मृत बच्ची के शव को उसी ठेले पर लादकर गए विलाप करते हुए अपने घर को चले गए।

वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 8 माह की बच्ची को सांस लेने में तकलीफ थी जिसे लेकर उसके अस्पताल में उसकी मां पहुंची थी डॉक्टर इलाज करते कि इसके पहले उसकी मौत हो गई है इस मामले में टीम गठित करके जांच कराई जा रही है जो भी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मौत के बाद बच्ची को एंबुलेंस न मिलने पर उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच कराई जाएगी एंबुलेंस होने के बाद किन परिस्थितियों में नहीं मिला जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी डॉक्टर को यह बताना चाहिए था कि बच्ची की डेथ के बाद उन्हें सर्टिफिकेट लेकर ही जाना चाहिए था जिन्हें इस में लापरवाही की है।

एक तरफ पूरे प्रदेश भर के स्वास्थ्य विभाग व अस्पतालों में स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक द्वारा साधारण व्यक्ति के रुप में औचक निरीक्षण किया जा रहा हैं वही दूसरी तरफ जनपद के जिला अस्पताल से जो तस्वीर उभर कर सामने आई हैं उसे देखने के बाद प्रदेश सरकार के सभी मंसूबों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा हैं।

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