अलीगढ़ गैस एजेंसी के सिलेंडर डिलीवर कर पिता ने की थी जिस बेटे की परवरिश, वही बेटा आज बना KKR का हीरो

एक गरीब पिता ने धूप व बरसात में साइकिल व कंधे पर सिलेंडर रख कर घर घर जाकर गेस सिलेंडर डिलीवर किये थे, वही बेटा आज आज IPL की KKR टीम का हीरो बना है।

मामला अलीगढ़ से जुड़ा है जहां एक गरीब पिता ने धूप व बरसात में साइकिल व कंधे पर सिलेंडर रख कर घर घर जाकर गेस सिलेंडर डिलीवर किये थे, वही बेटा आज आज IPL की KKR टीम का हीरो बना है।

हम बात कर रहे हैं आईपीएल की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में बीते दिन ऐतिहासिक जीत दर्ज कराने वाले अलीगढ़ के रिंकू की जिन्होंने बीते दिन आईपीएल की टीम रॉयल राजस्थान (RR) राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 23 गेंद में 42 रन की नाबाद पारी खेल कोलकाता नाइट राइडर्स को 7 विकेट से जीत दिलाने वाले अलीगढ़ के क्रिकेटर रिंकू सिंह को सोमवार को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया. वहीं,

पिछले पांच मैच में मिली हार के बाद रिंकू सिंह की विस्फोटक बल्लेबाजी के बदौलत केकेआर को जीत नसीब हुई. हालांकि, इस हरफनमौला क्रिकेटर ने न केवल बल्लेबाजी, बल्कि अपनी बेहतरीन फील्डिंग से भी टीम प्रबंधन व खिलाड़ियों का दिल जीतने का काम किया. रिंकू सिंह छोटे शहर से आईपीएल में आए हैं. वो पिछले 5 साल से लगातार क्रिकेट की बुलंदियों को छूने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन यह पहला मौका है, जब आईपीएल में रिंकू ने अपने शानदार बल्लेबाजी से न सिर्फ टीम को जीत दिलाई बल्कि मैन ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम कर लिया.

बात अगर रिंकू की करें तो एक गरीब परिवार से संबंध रखने वाले रिंकू व उनके परिवार का सफर बड़ा संघर्ष सील रहा है। रिंकू के पिता एक गैस एजेंसी में नौकर का कार्य करते हैं और उनकी मां एक हाउसवाइफ है, रिंकू के कुल 5 भाई-बहन है जिसमें रिंकू तीसरे नंबर के हैं। वही बीते दिन रिंकू द्वारा रॉयल राजस्थान के खिलाफ दर्ज की गई ऐतिहासिक जीत के बाद परिवार में खुशी का माहौल है।

बातचीत के दौरान रिंकू के पिता खानचंद ने बताया कि एक वक्त ऐसा था कि रिंकू के पढ़ाई के लिए वैसे भी नसीब नहीं हुआ करते थे। उनका कहना है कि शुरुआती तौर से रिंकू का पढ़ाई में मन नहीं लगता था और वह अक्सर पढ़ाई के वक्त क्रिकेट खेलने चले जाया करते थे जिससे परिवार भी ना खुश रहता था।

वही जब रिंकू की जिद के आगे परिजनों ने कहना बंद कर दिया तो रिंकू ने अपना रुख क्रिकेट की ओर पूरी तरह मोड़ दिया। जिसके बाद वर्ष 2008 में DPS में हुए टूर्नामेंट के दौरान रिंकू का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला था। वही डीपीएस में हुए टूर्नामेंट के बाद रिंकू के पिता खान चंद ने रिंकू को स्टेडियम तक जाने के लिए एक मोटरसाइकिल भी दिलवाई थी। वही बातचीत के दौरान परिजनों का कहना है कि उस दौरान बेटे के लिए किए गए संघर्ष का ही परिणाम है जो कि आज रिंकू ने अलीगढ़ सहित देश व विदेशों में अलीगढ़ व परिवार का नाम रोशन किया है।

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