आखिर कोर्ट ने क्या कह कर दी बुल्ली बाई सुल्ली डील्स के अपराधियों को जमानत

गवाहों से संपर्क करने और उन्हें प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। उनसे जांच अधिकारी को अपना पता देने और फोन को बंद रखने को भी कहा गया है।

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को ‘सुल्ली डील्स’ ऐप के क्रिएटर ओंकारेश्वर ठाकुर और ‘बुल्ली बाई’ ऐप के क्रिएटर नीरज बिश्नोई को जमानत मिल गई है। अदालत ने मानवीय आधार पर दोनों को जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने पहला अपराध किया है और जेल में रहना उनके लिए अच्छा नहीं है। कोर्ट ने आरोपियों पर कई शर्तें भी लगाई हैं ताकि वे सबूतों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ न कर सकें। सुल्ली डील्स ऐप के निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर और बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई को जमानत जरूर मिली है, लेकिन अदालत ने कड़ी पाबंदियां भी उनपर लगाई हैं। कोर्ट की पाबंदियां के अनुसार, आरोपी पीड़ितों या गवाहों से संपर्क करने और उन्हें प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। उनसे जांच अधिकारी को अपना पता देने और फोन को बंद रखने को भी कहा गया है।

इसके अलावा उनके देश छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है और उन्हें हर तारीख को कोर्ट के सामने पेश होना होगा। जमानत पर बाहर रहने के दौरान उन्हें फिर से ऐसा ही अपराध न करने की हिदायत भी दी गई है। जुलाई 2021 में GitHub पर सुल्ली डील्स के नाम का एक ऐप (App) बनाया गया था. सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की फोटो डालकर उनकी ऑनलाइन बोली लगाई जा रही थी. तब कई महिलाओं ने दिल्ली और नोएडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद ऐप (App) को गिटहब से हटा लिया गया। उसी तरह बुल्ली बाई नाम से एक ऐप (App) बनाया गया था। इस ऐप (App) पर सोशल मीडिया से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें चुराकर उनकी ‘नीलामी’ की जा रही थी। यहां असल में कोई खरीद-फरोख्त नहीं होती थी, लेकिन इसका मकसद मुस्लिम महिलाओं को नीचा दिखाना और उनका मानसिक उत्पीड़न करना था।

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