यूपी: एमएलसी चुनाव बना भाजपा के लिए वरदान, टिकट से दूर करेगी नाराजगी !
बीजेपी को कम से कम 15 सदस्यों की जरूरत है। उम्मीद ये थी कि परिषद चुनाव विधानसभा चुनाव के बाद होंगे लेकिन अब जबकि दोनों चुनाव साथ होने वाले हैं ऐसे में सियासी दलों की कुछ परेशानी बढ़ गई है।
लखनऊ : यूपी में विधानसभा चुनाव के साथ ही विधान परिषद के स्थानीय निकाय की 35 सीटों पर भी चुनाव घोषित हो गए हैं। आपको बता दें, यूपी की 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में अभी सत्ताधारी भाजपा के 36 सदस्य हैं।
उच्च सदन में बहुमत साबित करने के लिए अभी बीजेपी को कम से कम 15 सदस्यों की जरूरत है। उम्मीद ये थी कि परिषद चुनाव विधानसभा चुनाव के बाद होंगे लेकिन अब जबकि दोनों चुनाव साथ होने वाले हैं ऐसे में सियासी दलों की कुछ परेशानी बढ़ गई है। वहीं कुछ राहत भी मिली है।
गौरतलब है कि स्थानीय निकाय की 35 सीटों में से सपा के पास 30 सीट है। सपा एमएलसी घनश्याम सिंह लोधी, दिनेश प्रताप सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह, सीपी चंद, रविशंकर सिंह पप्पू, जसवंत सिंह, रमा निरंजन और नरेंद्र सिंह भाटी भाजपा में जा चुके हैं।
बीजेपी इनसभी को चुनाव लड़ा सकती है। इसके साथ ही अन्य दलों से आए नेताओं के साथ पार्टी के वो नेता जिन्हें विधानसभा में चुनाव का टिकट नहीं मिला है उन्हें भी विधान परिषद चुनाव लड़ा सकती है। इसके साथ ही सपा भी कुछ ऐसा ही करने की सोच रही है।
ये चुनाव मई में होने थे, ऐसे में जो दल उस समय सत्ता पर काबिज होता उसे इसका फायदा मिलता। लेकिन इस तरह चुनाव होना समझ के परे है।
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