UP Elections 2022: इन मुद्दों पर लड़े जायेंगे यूपी  विधानसभा चुनाव, ये पार्टी रहेगी हावी

इस बार के विधानसभा चुनाव में कोरोना, महंगाई और जाति जैसे कई मुद्दे हैं जिनपर चुनाव लड़े जाएंगे और इन्हीं के बूते राज्य में अगली सरकार बनेगी।

उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। 10 फरवरी से यहां सियासी समर की शुरुआत होगी और 10 मार्च को नतीजे घोषित होंगे।  इस बार के विधानसभा चुनाव में कोरोना, महंगाई और जाति जैसे कई मुद्दे हैं जिनपर चुनाव लड़े जाएंगे और इन्हीं के बूते राज्य में अगली सरकार बनेगी। आइए नजर डालते हैं उन्हीं मुद्दों पर

कोरोना वायरस

राज्य में इस बार कोरोना अहम चुनावी मुद्दा होगा। क्योंकि पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर लोगों के सामने आई थी। कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सिलिंडर, दवाई जैसे स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी  का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं उत्तरप्रदेश की कई नदियों में लाशें भी तैरती हुई देखी गई थी और प्रयागराज में गंगा घाट के किनारे बड़ी संख्या में लाशों को दफनाए जाने की तस्वीर भी सामने आई थी। इसलिए इस बार यह मुद्दा काफी हावी रहेगा।

कानून व्यवस्था

इसके अलावा राज्य में कानून व्यवस्था का मुद्दा भी अगली सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 2007 और 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा को मिली हार के पीछे भी कानून व्यवस्था अहम मुद्दा था। उस समय की विपक्षी पार्टियों ने इसको लेकर सपा सरकार के खिलाफ जमकर अभियान चलाया था। हालांकि वर्तमान की योगी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार लाने का दावा करती है लेकिन विपक्षी पार्टियां भाजपा पर एकतरफा कार्रवाई और राज्य में एनकाउंटर राज लाने का आरोप लगा रही है।

भर्ती परीक्षाएं

प्रदेश की जनता कहती है कि सरकार की भर्ती प्रक्रिया काफी सुस्त है। लेखपाल और पुलिस भर्ती समय से नहीं निकलती। लोग कह रहे हैं कि ‘सरकार कोरोना के समय चुनावी रैलियां कर सकती हैं, लेकिन जब बात युवाओं के भविष्य की आती है तो कोविड प्रोटोकॉल की चर्चा करने लगते हैं।’ ज्यादातर युवाओं ने कहा कि मौजूदा सरकार में भर्ती प्रक्रिया बहुत धीमी है। कई विभागों में रिक्तियां होने के बावजूद भर्ती नहीं निकाली जाती है।

आवारा पशुओं का मुद्दा

पूरे यूपी में यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि आवारा पशुओं ने खेती बर्बाद कर दी है। रातभर जागकर जानवरों को भगाना पड़ता है। इसके बावजूद जानवर कई बार फसलों को खराब कर देते हैं।

महंगाई

इसके अलावा महंगाई भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। जहां विपक्षी पार्टियां महंगाई को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर है तो वहीं भाजपा ने लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए पिछले दिनों पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी की है। इसके अलावा सभी पार्टियां लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए मुफ्त बिजली- पानी का वादा भी कर रही है। बीते दिनों आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में निजी नलकूपों के लिए बिजली दरों में कमी की घोषणा की। इतना ही नहीं सपा और आप ने भी किसानों को मुफ्त बिजली और घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है।

बेरोजगारी

जब यूपी खबर की टीम युवाओं के बीच पहुंची उन से सवाल पूछा  कि क्या मौजूदा समय रोजगार की व्यवस्था ठीक है? ज्यादातर युवाओं ने ‘न’ में ही जवाब दिया कई जगह युवाओं ने भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक होने का भी सवाल उठाया।

खाद का संकट

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के कई जिलों में खाद के संकट का मुद्दा उठा। लोगों का कहना है कि सरकारी केंद्रों से खाद नहीं मिल रही है। इसके चलते खेती करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने खाद की कालाबाजारी का भी आरोप लगाया।

सड़क

यूपी सरकार का दावा है कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढे मुक्त कर दिया गया है। खूब हाईवे और फ्लाईओवर बनाए गए हैं। एक्सप्रेसवे को लेकर भी यूपी सरकार तारीफें बटोर रही है। हालांकि, इन दावों के बीच जनता का यह भी कहना है कि कई जिलों में अंदर की सड़कें अब भी खराब हैं। सड़कों पर काफी गड्ढे हैं और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जातिवाद

उत्तरप्रदेश के चुनावी इतिहास में जाति भी काफी महत्वपूर्ण रहा है। यहां की अधिकांश सीटों पर पिछड़ों और दलितों का वर्चस्व रहा है। हालांकि कई सीटों पर सवर्ण आबादी भी निर्णायक भूमिका अदा करती है। उत्तरप्रदेश में करीब 43 फीसदी ओबीसी वोटर्स, 22 फीसदी दलित, सवर्ण करीब 18 फीसदी और मुस्लिम 17 फीसदी हैं। इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से जातिगत समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं।

आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा। जबकि दूसरे चरण का मतदान 14 फऱवरी, तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा। चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी, पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी, छठे चरण का मतदान 3 मार्च और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च का होगा।

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