महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना कालीचरण महाराज को पड़ा भारी, रायपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

कालीचरण महाराज ने हाल ही में रायपुर में आयोजित हुई एक धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसे आज सुबह रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

लखनऊ। कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) ने हाल ही में रायपुर में आयोजित हुई एक धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसे आज सुबह रायपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के खुजराहो के एक होटल से रायपुर पुलिस ने कालीचरण को आज तड़के करीब 4 बजे गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि कालीचरण के विवादास्पद बयान के बाद से देशभर में बवाल मचा हुआ है। कालीचरण को पुलिस आज दोपहर तक रायपुर लेकर आएगी। इस मामले में छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने पहले ही कह दिया था कि कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) की गिरफ्तारी होगी।

कालीचरण के खिलाफ रायपुर में गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज है। साइबर सेल के प्रभारी अभिषेक महेश्वरी ने कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj)की गिरफ्तारी की पुष्टी की है। कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj)की अभद्र टिप्पणी को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। हंगामा बढ़ने के बाद ही तय हो गया था कि कालीचरण महाराज की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।

क्या था पूरा मामला

दरअसल, रायपुर में आयोजित धर्म संसद के आयोजन में उस वक्त अफरातफरी मच गई थी जब कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj)ने अपने भाषण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते नाथूराम गोडसे की सराहना की थी। कालीचरण ने दूसरे दिन एक और वीडियो बनाकर फिर से सरकार को चुनौती दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj)के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू है और इसमें इस तरह की बातों का कोई स्थान नहीं है।

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गिरफ्तारी के रवाना हुईं पुलिस टीम

सीएम बघेल के कड़े रवैये के बाद रायपुर पुलिस ने तीन अलग-अलग टीमें बनाकर के उनकी गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया था। आखिरकार रायपुर पुलिस को आज तड़के कालीचरण को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई।

कौन हैं कालीचरण ?

कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj)का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है, जो मूलरूप से महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजीनगर के रहने वाले हैं। खुद को मां काली का भक्त बताते हैं, लाल वस्त्र धारण करते हैं। इसके साथ ही माथे पर लाल बिंदी लगाते हैं। इनके पिताजी धनंजय सराग की अकोला के जयन चौक में मेडिकल शॉप है, बचपन में इन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। इसी कारण इनको इंदौर अपने मौसी के घर पर रहना पड़ा था।

 

ऐसा बताया जाता है कि भय्यू महाराज के खामगांव स्थित आश्रम की व्यवस्थाओं को भी यही संभालते थे। कालीचरण महाराज की पढ़ाई महज आठवीं कक्षा तक हो पाई थी। उसके बाद वह पढ़ नहीं पाए थे। मगर इनके करीबी बताते हैं कि इन्होंने धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया।  वहीं सोशल मीडिया पर उनके गाये हुए शिव तांडव स्त्रोत ने खूब सुर्खियां बटोरीं थी।

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आपको बता दें, हिंदी भाषा के अलावा मराठी भी अच्छी तरह जानते हैं। इसके साथ ही वो राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। महाराज जी अकोला में पार्षद के लिए निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं। मगर उनको जीत नहीं हासिल हुई थी।

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