सुनिए योगी जी! सरकारी नौकरी में हो रहा खेला, क्या चाहते हैं नौजवान चलाए ठेला
अपर मुख्य सचिव 6 के निर्देश पर जल निगम के 1238 कर्मचारियों को प्रदेश भर में बॉडी शॉपिंग के आधार प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्देश हुआ था।
सुल्तानपुर। आज सूबे में लाखों नौकरी देने की होर्डिंग्स लगी है। सरकार दावा कर रही उसने हर क्षेत्र में रोजगार दिया है। लेकिन सुलतानपुर से अलग तस्वीर सामनें आई है। यहां जल निगम के 44 कर्मचारियों को कार्यमुक्त करके नगरपालिका में ज्वाइनिंग के लिए भेजा गया। जहां नगरपालिका ने इन्हें यह कहकर काम पर रखने से मना किया है कि उसके पास वित्तीय संकट है वो अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहा है। ऐसे में अब इन कर्मचारियों के आगे खाने के लाले पड़ गए हैं।
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बताते चलें कि प्राप्त जानकारी के अनुसार अपर मुख्य सचिव 6 के निर्देश पर जल निगम के 1238 कर्मचारियों को प्रदेश भर में बॉडी शॉपिंग के आधार प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्देश हुआ था। इस बाबत विभाग की ओर से 18 अक्टूबर को एक पत्र 53/जी-2/03 नगरपालिका सुलतानपुर के अधिकारी के नाम जारी हुआ कि 15 फील्ड कर्मचारियों को बॉडीशॉपिंग के आधार पर प्रतिनियुक्ति के आधार पर कार्यभार ग्रहण कराया जाए। 7 दिसंबर को नगरपालिका की ओर से इसका जवाब पत्र 624/न.प.परि.सुल./ 2021-22 के माध्यम से यह दिया गया कि नगरपालिका में कार्यरत नियमित, संविदा और आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को वेतन-पेंशन व अन्य देयो के भुगतान के संदर्भ में आर्थिक समस्या के बारे में बताया गया था। और यह भी हवाला दिया गया कि शासन से निरंतर धनराशि कम हो रही। जिससे पालिका के कर्मचारियों को वेतन देना कठिन हो गया है। ऐसे में इन 15 कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण कराना संभव नहीं है।
तो वहीं जल निगम कर्मचारी और लाल झंडा मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेश द्विवेदी ने बताया कि हम उत्तर प्रदेश जल निगम के कर्मचारी हैं। हम लोगों को रिलीव कर दिया गया। जबकि ईओ नगरपालिका द्वारा शासकीय अधिकारियों को स्पष्ट लिख चुके हैं कि हम जल निगम के 15 नियमित कर्मचारियों को लेंगे नहीं क्योंकि हमारे पास धन का संकट है। हमारे यहां ही जो कर्मचारी हैं हम उन्हें ही वेतन देने में असमर्थ हैं। अधिशासी अभियंता ने उस पत्र पर अपने समक्ष अधिकारियों से मार्ग दर्शन मांगा और बगैर विचार किए हम लोगों को नगरपालिका में ज्वाइन करा दिया। वहां स्पष्ट रुप से कहा गया कि हम कोई कार्य नहीं देंगे क्योंकि हमने पूर्व में ही पत्र लिख दिया है हम लेंगे नहीं।अब हम भटक रहे हैं। लगातार तीन महीने से हम लोग परेशान हैं न तो वेतन मिल रहा और पद से निम्न पद पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि 19 कर्मचारी अयोध्या,11 कर्मचारी वाराणसी में हैं।
रिपोर्ट – संतोष पांडेय
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